अवैध प्लाटिंग की जानकारी नहीं दी तो नोटिस जारी करने का निर्देश; बैठक में दुर्ग कलेक्टर ने दिए निर्देश…

जिले में अवैध प्लाटिंग का खेल धड़ल्ले से जारी है। लगातार इसे लेकर प्रशासनिक महकमें में शिकायत भी हो रही है।

कोहका में जमीन के विवाद और लेन-देन की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो तक पहुंच गई है।

इतना ही नहीं इसमें प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा पैसों की मांग किए जाने तक की शिकायत सामने आई है।

इन सबके बीच दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने मंगलवार को समय-सीमा की बैठक ली। बैठक में उन्होंने राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि पटवारी अपनी जिम्मेदारी को समझें।

उनके क्षेत्र में जहां कही भी अवैध प्लाटिंग हो रही, तत्काल इसकी सूचना अपने ऊपर से अधिकारियों को दें।

अन्यथा अब उन्हें नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि अवैध प्लाटिंग के मामलों पर सख्त कार्रवाई हो।

परीक्षण किया जाए कि किन इलाकों में अवैध प्लाटिंग अधिक हो रही है। बैठक में अवैध खनन, स्वास्थ्य सुविधाएं, शराब दुकानों के आसपास की सफाई व्यवस्था सहित अन्य विषयों पर भी चर्चा की गई।

इसके अलावा कलेक्टर ने निर्माण कार्यों को भी समय पर पूरा करने के निर्देश दिए।

अवैध खनन पर कहा- जांच के बाद कार्रवाई की जाए

कलेक्टर ने समीक्षा बैठक में अवैध खनन पर भी नजर रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने राजस्व अधिकारी को खनिज विभाग की टीम के साथ संयुक्त मानिटरिंग करने के लिए भी कहा।

उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों का फीडबैक लें और लगातार इस ओर नजर रखें। शराब दुकानों के आसपास गंदगी की शिकायत मिली है।

दुकान के परिसर में सफाई रखने की जिम्मेदारी प्रबंधन की है। यह सुनिश्चित करें। इस पर भी मानिटरिंग टीम नजर रखेगी। शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

अफसरों द्वारा पैसों की डिमांड, एसीबी से शिकायत
पुरानी बस्ती कोहका निवासी सर्वेश्वर दयाल ने एसीबी से एक मामले में शिकायत की गई है।

कहा गया है कि कलेक्टर न्यायालय से जारी एक आदेश की राजस्व के ही एक निचले न्यायालय ने अनदेखी कर आदेश दे दिया।

जबकि जमीन के आधिपत्य को लेकर यह पूरा मामला राजस्व कोर्ट में चल रहा।

सरकारी अस्पतालों में बढ़ाई जाए सुविधाएं
कलेक्टर ने सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाए जाने के भी निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि अभी लक्ष्य के अनुरूप दस प्रतिशत की वृद्धि पिछले कुछ महीनों में दर्ज की गई है।

हमें शत प्रतिशत कार्ड ब्लाक करने की दिशा में काम करना होगा। प्रभारी अधिकारी यह तय करें कि शत प्रतिशत कार्ड ब्लाक हों।

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