पाकिस्तान के बाद बांग्लादेश को भी सऊदी अरब का सहारा, कर्ज पर मांग रहा तेल; क्यों संकट…

श्रीलंका-पाकिस्तान के बाद अब भारत के एक और पड़ोसी देश के आर्थिक हालात बिगड़ने लगे हैं।

तेल की सप्लाई पूरी करने के लिए बांग्लादेश ने सऊदी अरब से मदद मांगी है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने बताया कि उसकी सरकार ने सऊदी अरब से कर्ज पर तेल की डिमांड की है।

इससे पहले पाकिस्तान भी सऊदी अरब से मदद मांग चुका है। घटते विदेशी मुद्रा भंडार की वजह से बांग्लादेश को कर्ज पर तेल लेने का कदम उठाना पड़ा है।

सऊदी अरब बांग्लादेश के आधे से अधिक कच्चे तेल की सप्लाई करता है, लेकिन यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद ऊर्जा और खाद्य कीमतों में वैश्विक उछाल आया है, जिसकी वजह से बांग्लादेश को भारी नुकसान हुआ है।

साथ ही, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले टका में लगभग 25 प्रतिशत की गिरावट आई है, जिससे पेट्रोल वितरकों और बिजली उपभोक्ताओं की लागत बढ़ गई है।

आर्थिक संकट के बीच विपक्ष हमलावर
पिछले साल 13 घंटे तक की राष्ट्रव्यापी बिजली कटौती हुई थी। वहीं, सरकार ने चावल और अन्य खाद्यानों को खरीदने में असमर्थ परिवारों के लिए खाद्य राहत की पेशकश की थी।

बुधवार को रियाद के राजदूत के साथ बैठक में विदेश मंत्री ए.के. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ”अब्दुल मोमन ने सऊदी अरब से डिफर्ड पेमेंट के आधार पर कच्चे और रिफाइंड तेल की आपूर्ति पर विचार करने के लिए कहा।”

बांग्लादेश में अगले साल आम चुनाव भी होने हैं और इससे पहले यह आर्थिक संकट आया है। इस संकट के लिए विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

साथ ही, आरोप लगाया कि उसने मल्टीबिलियन-डॉलर वैनिटी प्रोजेक्ट्स पर पैसा बर्बाद कर दिया।

बिजली की कीमतों में भारी इजाफा
हाल के समय में विपक्ष ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और तटस्थ प्रशासन के तहत शीघ्र चुनाव की मांग करते हुए रैलियों की एक श्रृंखला आयोजित की थी।

अधिकारियों ने मंगलवार को खुदरा बिजली की कीमतों में पांच फीसदी की बढ़ोतरी की।

तीन हफ्तों में इस तरह की दूसरी वृद्धि हुई, जबकि जनरेटर के लिए गैस की कीमतों में पिछले महीने 178 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। वहीं, बीते सोमवार को, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बांग्लादेश के लिए $ 4.7 बिलियन के सहायता पैकेज पर हस्ताक्षर किए हैं।

दक्षिण एशियाई देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले साल जनवरी के 46 अरब डॉलर से घटकर पिछले महीने के अंत में 32 अरब डॉलर रह गया है।

बांग्लादेश की आधिकारिक मुद्रास्फीति दर लगभग 8.7 प्रतिशत है, लेकिन स्वतंत्र अर्थशास्त्रियों का कहना है कि सही आंकड़ा काफी अधिक है।

Related posts

Leave a Comment