छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में समय पर काम नहीं करने और लापरवाही बरतने पर की गई कार्रवाई, कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने 6 पटवारियों को किया निलंबित…

दुर्ग कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों की बैठक बुलाई और वहां स्थानीय राजस्व अमले के काम की समीक्षा की।

इस दौरान कलेक्टर को कई पटवारियों के बारे में शिकायत मिली की उनकी ओर से काम में लापरवाही बरती जा रही है।

वो एसडीएम और तहसीलदार के निर्देश के बाद भी समय पर काम नहीं करते हैं। इस पर कलेक्टर ने उन सभी 6 पटवारियों को सस्पेंड कर दिया है।

कलेक्टर ने समीक्षा बैठक के दौरान राजस्व अमले के जिन पटवारियों पर कार्रवाई की है, उसमें धमधा हल्का नंबर 1 के पटवारी केशव लाल साहू का नाम भी शामिल है।

केशव ने त्रुटिपूर्ण गिरदावरी की थी और सक्षम अधिकारी की अनुमति के बगैर काम से अनुपस्थित रहे।

इसके साथ ही पटवारी हल्का नंबर 50 धमधा के लोकेश्वर सिंह ठाकुर के खिलाफ भी पटवारी हल्के में समय पर नहीं रहने की शिकायत मिली। उसे भी सस्पेंड किया गया।

पटवारी हल्का नंबर 49 के पटवारी नवीन मिश्रा पर भी समय पर हल्के में नहीं रहने की वजह से कार्रवाई की गई। नवीन पर यह भी आरोप लगा कि वो आम जनता से सही तरीके से व्यवहार नहीं करता है। पटवारियों पर इस तरह एक साथ कार्रवाई के बाद से राजस्व विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

समय पर काम न पूरे करने पर एक्शन
धमधा तहसील के पटवारी हल्का नंबर 38 के पटवारी योगेश कुमार बंधेया के खिलाफ अधिकारियों ने बताया कि वो न तो समय पर आता है और न ही समय पर कोई काम को पूरा करता है।

लोगों के काम को लंबे समय तक लटका कर रखता है। इससे आम लोग पटवारी कार्यालय के चक्कर काट काटकर परेशान है। अगर कोई व्यक्ति पटवारी के इस काम का विरोध करता है तो वो उससे गलत तरीके से पेश आता है।

शासकीय दायित्व को समय पर पूरा करने और ग्रामीणों से सौहार्दपूर्ण व्यवहार न करने पर पटवारी योगेश कुमार को सस्पेंड किया गया है।

स्थानांतरण आदेश का नहीं किया पालन
अधिकारियों ने कलेक्टर को बताया कि पाटन पटवारी हल्का नंबर 53 गातापार पीकेश जायसवाल का तबादला दूसरे पटवारी हल्का में किया गया था।

आदेश के बाद भी उसने वहां कार्यभार ग्रहण नहीं किया। शासकीय आदेश की अव्हेलना करने पर पटवारी पीकेश जायसवाल को सस्पेंड किया गया है।

प्रतिवेदन विलंब से देना पड़ा महंगा
पटवारी हल्का क्रमांक 46 बीजभाठा के पटवारी ईश्वर सेवई को समीक्षा बैठक में अनुपस्थित रहना और देरी से प्रतिवेदन देना महंगा पड़ गया। जैसे ही यह शिकायत कलेक्टर को मिली उन्होंने उसे सीधे सस्पेंड कर दिया है।

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