क्यों लगाने हैं आरटीओ (RTO) के चक्कर, न लाइन का झंझट न दलालों में उलझना, फॉलो करें ये प्रोसेस और मिनटों में कार की RC होगी ट्रांसफर…

सेकेंड हैंड कार खरीदना और बेचना ये हर दिन ही चलता रहता है।

यूज्ड कारों का मार्केट भी इन दिनों काफी बूम पर है, जिन लोगों का बजट कम है वे यूज्ड कार खरीद कर अपने सपने को पूरा कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों को नई टेक्नोलॉजी और कार को अपग्रेड करना है वे अपनी कारों को यूज्ड कार मार्केट में बेच रहे हैं।

अब इस खरीदने और बेचने के पूरे प्रोसेस के बीच में जो सबसे बड़ी कड़ी होती है वो है कार का रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर करवाना।

ये काम कुछ समय पहले तक बेहद झंझट वाला हुआ करता था। लोग इससे बचने के लिए दलालों को हजारों रुपये दिया करते थे। इसके बाद भी उन्हें कई बार आरटीओ के चक्कर लगाने पड़ते थे और फिर कहीं जाकर कार की ओनरशिप ट्रांसफर होती थी।

लेकिन अब इस काम को करने में कुछ मिनटों का समय लगता है। आइये आपको बताते हैं आप आसानी से कार कैसे ऑनलाइन ही ट्रांसफर कैसे कर सकते हैं।

  • इसके लिए आपको https://parivahan।gov.in/parivahan/ पर जाना होगा।
  • यहां पर आपको लॉगिन करने के लिए अकाउंट क्रिएट करना होगा।
  • अकाउंट क्रिएट करने के बाद आपको ऑनलाइन सर्विसेज के ऑप्‍शन में व्हीकल रिलेटेड सर्विस को चुनना होगा।
  • इसमें एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म में आपको गाड़ी का नंबर डालना होगा और उससे संबंधित ओटीपी आपके मोबइल पर आएगा।
  • ओटीपी दर्ज करने के बाद एक नया पेज खुलेगा। यहां पर ट्रांसफर ओनरशिप के ऑप्‍शन पर जाने के बाद आपको नए खरीदार और वाहन से संबंधित कुछ जानकारियों को देना है।
  • इसके बाद आपके सामने आरटीओ में जाने की तारीख का विकल्प आएगा।
  • यहां पर आपको आरटीओ में किस दिन कितने बजे पहुंचना है इसकी जानकारी दी जाएगी।
  • तय समय पर पहुंच कर बिना किसी लाइन में लगे आप कुछ ही मिनटों में केवल प्रोसेसिंग फीस और आरसी ऑरिजनल कॉपी जमा करवाने के बाद वहां से आ सकते हैं।
  • आरसी ट्रांसफर होने के कुछ समय बाद आपके पते पर भेज दी जाएगी।

दूसरे राज्य की ली है गाड़ी तो…
यदि आपने किसी दूसरे राज्य की गाड़ी खरीद है तो भी पूरी प्रक्रिया यही रहती है केवल फॉर्म संख्या 28 को उसमें भरना होता है।

इसके बाद आपके बताए हुए पते पर आरसी को भेज दिया जाता है। हालांकि इसमें कुछ ज्यादा समय लगता है। आरटीओ इसके लिए प्रोसेसिंग टाइम करीब 30 दिन का लेता है।

कुछ मामलों में इस पूरी प्रक्रिया में 45 दिन तक लग जाते हैं।

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