Tiktok के CEO शौ ज़ी च्यू अमेरिकी संसद में हुए पेश, भारत के प्रतिबंध को ‘हाइपोथेटिकल’ बताया…

बढ़ती सुरक्षा चिंताओं और कंपनी पर चीनी सरकार के संभावित प्रभाव के बीच टिकटॉक के सीईओ शौ ज़ी च्यू ने अमेरिकी कांग्रेस के सामने पेश हुए।

च्यू को हाउस एनर्जी एंड कॉमर्स कमेटी के कई कड़े और महत्‍वपूर्ण सवालों का सामना करना पड़ा।

टिकटॉक के सीईओ से ये पूछताछ लगभग चार घंटे तक चली। इस दौरान च्यू ने हर बार इस बात पर जोर दिया कि चीनी आईटी कंपनी बाइटडांस के स्वामित्व वाला टिकटॉक ऐप चीनी सरकार के साथ डेटा शेयर नहीं करता है।

साथ ही उन्‍होंने आश्वस्त किया कि अमेरिका में इसके 150 मिलियन यूजर्स का डेटा पूरी तरह से सुरक्षित है और वह इन्हें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के साथ शेयर नहीं करता है।

अमेरिकी सांसद डेबी लेस्को ने भारत और अन्य देशों में टिकटॉक पर लगे बैन का जिक्र करते हुए सवाल पूछा, “यह (टिक्कॉक) एक ऐसा उपकरण है जो चीनी सरकार के नियंत्रण में है और राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को उठाता है।

ये सभी देश और हमारे एफबीआई निदेशक कैसे गलत हो सकते हैं?” इस पर च्यू ने कहा, “मुझे लगता है कि बताए गए बहुत सारे आरोप काल्पनिक और सैद्धांतिक हैं।

मुझे अभी तक इसका कोई सबूत नहीं मिला है। भारत ने जिन आधार पर बैन लगाया था वो काल्पनिक हैं।” इस पर डेबी लेस्को ने एक बार फिर सुरक्षा चिंता को दोहराया और भारत की तरफ से लगाए गए प्रतिबंध की चर्चा की। 

सुरक्षा कारणों के मद्देनजर भारत ने 2020 में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया था। भारत ने गोपनीयता और सुरक्षा चिंताओं को लेकर 2020 में मैसेजिंग ऐप वीचैट, टिकटॉक और दर्जनों अन्य चीनी ऐप्स पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। यह प्रतिबंध एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के तुरंत बाद लगाया गया था, जिसमें 20 भारतीय सैनिक मारे गए और दर्जनों घायल हो गए थे।

बता दें कि फरवरी माह में व्हाइट हाउस ने संघीय एजेंसियों को सभी सरकारी उपकरणों से ‘टिकटॉक’ को पूरी तरह हटाने के लिए 30 दिन का समय दिया था। वहीं, कनाडा ने भी सरकार के सभी मोबाइल उपकरणों में ‘टिकटॉक’ पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।

चीन की इस वीडियो ऐप को लेकर बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के बीच ये फैसले किए गए थे। अमेरिका में प्रबंधन एवं बजट कार्यालय द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों को “संवेदनशील सरकारी डेटा के लिए ऐप द्वारा पेश किए जा रहे जोखिमों को दूर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम” बताया था।

रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय सहित कुछ एजेंसियां पहले ही इस पर प्रतिबंध लगा चुकी थी।

चीन की इंटरनेट प्रौद्योगिकी कंपनी ‘बाइटडांस लिमिटेड’ की ऐप ‘टिकटॉक’ बेहद लोकप्रिय है और अमेरिका में करीब दो-तिहाई किशोरों द्वारा इसका इस्तेमाल किया जाता है।

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