जर्जर घोषित हो चुके मकान में इंजीनियर का परिवार बाल-बाल बचा…

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला मुख्यालय स्थित पीडब्ल्यूडी का सरकारी आवास जर्जर होने के चलते गिर गया।

गनीमत यह रही कि जिस समय बिल्डिंग गिरी उस समय वहां रहे सब इंजीनियर का परिवार माता के दर्शन करने बाहर गया था। नहीं तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी।

पद्मनाभपुर थाना प्रभारी राजीव तिवारी ने बताया कि सिविल लाइन दुर्ग में पांच बिल्डिंग क्षेत्र में PWD का दो मंजिला सरकारी आवास है।

इस बिल्डिंग के प्रथम तल में प्रधानमंत्री सड़क योजना विभाग में पदस्थ सब इंजीनियर लीलाधर गांगुली का परिवार रहता था।

बुधवार को नवरात्रि पर्व पर अष्टमी होने के चलते उनका पूरा परिवार कुलदेवी के दर्शन और पूजा करने के लिए बाहर गया था। घर में सिर्फ एक बुजुर्ग थे।

रात हो जाने से बुजुर्ग घर के बाहर ही खाट में लेट गए थे। बुधवार रात 8.30 बजे के करीब किचन का पिछले हिस्सा अचानक भरभरा कर गिर गया।

जैसे ही किचन का पूरा हिस्सा नीचे गिरा वहां लोग काफी डर गए। इसके बाद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और जब उन्हें पता चला कि कोई जान माल का नुकसान नहीं तो उन्होंने राहत की सांस ली।

जिस मकान में यह हादसा हुआ है, उसमें लीलाधर गांगुली सहित उनके परिवार के 6 लोग रह रहे थे। सभी लोग देवी दर्शन के लिए बाहर गए थे, इसलिए सभी सुरक्षित बच गए। पुलिस ने राहत आपदा दल को भी मौके पर बुला लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जर्जर घोषित होने के बाद भी इंजीनियर रह रहा था मकान में
दुर्ग नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि पीडब्ल्यूडी विभाग ने इस भवन को पूरी तरह से जर्जर घोषित कर दिया था। ग्राउंड फ्लोर में रह रहे परिवार ने मकान को डर के मारे खाली कर दिया था।

कई बार मकान खाली करने का नोटिस देने के बाद भी सब इंजीनियर का परिवार मकान खाली नहीं कर रहा था।

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