पैसों के लिए सबकुछ बेचने पर उतरे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ, कतर के हवाले होंगे एयरपोर्ट…

पैसे-पैसे के लिए जूझ रहा पाकिस्तान खजाना भरने के लिए तमाम उपाय अपना रहा है।

गुरुवार को पाकिस्तान ने एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। इसके तहत पाकिस्तान के तीन प्रमुख हवाई अड्डों और जमीनों की आउटसोर्सिंग शुरू करेगा।

अब इन सभी को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरिशप के तहत चलाया जाएगा। वित्त मंत्रालय के मुताबिक यह कदम देश की बीमार अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार जुटाने के लिए उठाया गया है।

बता दें कि पाकिस्तान को आईएमएफ से कर्ज मिलने की काफी ज्यादा उम्मीद थी, लेकिन अभी तक उसे निराशा ही मिली है। हालांकि चीन समेत कुछ देश पाकिस्तान की मदद कर रहे हैं, लेकिन यह पर्याप्त साबित नहीं हो रहा है।

इन्हें बनाया सलाहकार
इस आउटसोर्सिंग की प्रक्रिया के लिए इस्लामाबाद ने वर्ल्ड बैंक के इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन को सलाहकार के रूप में जोड़ा है।

पाकिस्तान वित्त मंत्रालय के बयान में यह बात कही गई है। इसके मुताबिक पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के स्कोप को देखते हुए तीन एयरपोर्ट्स की आउटसोर्सिंग प्रक्रिया शुरू की गई है।

इसके लिए निजी निवेशकों और एयरपोर्ट संचालकों को प्रतिस्पर्धी और पारदर्शी व्यवस्था के तहत शामिल किया जाएगा। साथ ही कॉमर्शियल एक्टिविटीज के लिए अवसरों के साथ रेवेन्यू बढ़ाने पर भी ध्यान दिया जाएगा।

कतर से उम्मीद
हालांकि अभी तक पार्टनरशिप या किसी तरह के समझौते की बात सामने नहीं आई है। फिलहाल पाकिस्तान इस्लामाबाद, कराची और लाहौर में एयरपोर्ट्स को मिलकर चलाने के लिए कतर के साथ बातचीत में लगा है।

बीते साल पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने देश में ऊर्जा और एविएशन सेक्टर में निवेश के लिए दोहा का दौरा किया था।

इसके बाद कतर की तरफ से पाकिस्तान में 3 बिलियन डॉलर के निवेश की बात कही गई थी। पाकिस्तान काफी समय से दोहा के साथ विदेशी निवेश जुटाने की कोशिशों में लगा हुआ है।

बदहाल हैं हालात
बता दें कि पाकिस्तान लगातार बदहाल आर्थिक हालात से गुजर रहा है। एक तरफ वहां पर आए दिन मुफ्त आटे के लिए भगदड़ मच रही है।

वहीं, दूसरी तरफ यहां की एविएशन इंडस्ट्री भी संघर्ष कर रही है। अनुमान है कि यह करीब 400 अरब पाकिस्तानी रुपए के घाटे से जूझ रही है।

वहीं, पाकिस्तान कैश पेमेंट के मामले में संकट का सामना कर रहा है। पाकिस्तानी केंद्रीय बैंक के पास विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है। पाकिस्तान के पास अब सिर्फ इतना कैश है, जिससे वह चार हफ्ते तक आयात कर सकता है।

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