कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती से बढ़े दाम, जानें पेट्रोल- डीजल की कीमतों पर क्या होगा असर…

तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक (OPEC) और रूस समेत उसके सहयोगी देशों के अचानक से कच्चे तेल उत्पादन में कटौती का फैसला कीमतों में तत्काल तेजी का कारण बन सकता है।

इसके साथ ही इससे देश में ईंधन कीमत की समीक्षा में भी देरी हो सकती है। ओपेक और सहयोगी देशों (OPEC Plus) ने रविवार को तेल उत्पादन में 11.6 लाख बैरल की कटौती (OPEC Oil Production Cut) का निर्णय किया।

इससे सोमवार को ब्रेंट क्रूड (Brent crude oil) का भाव करीब छह प्रतिशत उछलकर 84।58 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया। कच्चे तेल की कीमत (Crude Oil Price) में तेजी से भारत में आयातित कच्चे तेल की कीमतों में आ रही नरमी की स्थिति अब पलटेगी।

भारत में पिछले महीने के दूसरे पखवाड़े में आयातित कच्चा तेल (इंडियन बास्केट) अभी 73 से 74 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में है। 

इससे पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती संभावना बनी थी। उद्योग से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को कच्चे तेल के दाम में तेजी के बावजूद उसे स्थिर रखने के कारण जो घाटा हुआ था, वे अब उससे उबर रही हैं और इससे पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती (Petrol-Diesel Price Cut) की संभावना बनी थी। लेकिन अब कीमतें फिर से बढ़ने लगी हैं…”

भारत अपनी कुल कच्चे तेल जरूरतों का 85 प्रतिशत आयात करता है और ईंधन के दाम (Fuel Price) अंतरराष्ट्रीय दरों से जुड़े हैं।

पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel Price) के दाम लगभग एक साल से स्थिर हैं। राष्ट्रीय राजधानी में इस समय पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल 89।62 रुपये लीटर है। 

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां मानक अंतरराष्ट्रीय ईंधन की कीमत के अनुसार पेट्रोल और डीजल के दाम हर दिन संशोधित करती है। लेकिन उन्होंने छह अप्रैल, 2022 से यह नहीं किया है।

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