कोरोना के बढ़ते केस के चलते सेक्टर 9 हॉस्पिटल में तैयारियों की हुई समीक्षा…

भिलाई इस्पात संयंत्र का पं. जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र (सेक्टर 9 हॉस्पिटल) अब मात्र रेफरल सेंटर बन गया है।

इस अस्पताल में चिकित्सकों और संसाधनों की कमी के बीच कोरोना उपचार को लेकर मॉकड्रिल का आयोजन किया गया।

इस दौरान यहां के मुख्य चिकित्सा प्रभारी डॉ. एम रविंद्रनाथ ने यहां की आपातकालीन और स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा की।

कुछ दिन पहले भेंट मुलाकात कार्यक्रम में भिलाई आए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सेक्टर 9 हॉस्पिटल और बीएसपी की बदहाली को लेकर चिंता जताई थी।

उन्होंने कहा था कि 20 साल पहले तक सेक्टर 9 हॉस्पिटल छत्तीसगढ़ ही नहीं देश के सबसे अच्छे हॉस्पिटलों में सुमार था। यहां दूसरे राज्यों से लोग इलाज कराने आते थे।

आज हालत यह हो गई है यहां अच्छे डॉक्टर नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बीएसपी प्लांट को बेचने की साजिश के तहत काम कर रहा है।

इसीलिए यहां अच्छे डॉक्टरों की भर्ती नहीं की जा रही है। प्लांट में भी नई भर्ती न करके ठेका पर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सेक्टर 9 हॉस्पिटल न तो चिकित्सक हैं और नही चिकित्सा के अच्छे संसाधन। इसके बाद भी बीएसपी प्रबंधन कोरोना को लेकर मॉकड्रिल किया और हॉस्पिटल को विषम परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार बताया है।

मॉक ड्रिल के दौरान बताया कैसे देना है त्वरित उपचार
मॉक ड्रिल के दौरान वरिष्ठ चिकित्सकों ने अस्पताल के स्टॉफ को बताया कि कोविड मरीज आने पर किस तरह से सुरक्षा के साथ तेजी से उपचार शुरू करना है।

इस दौरान एक कोविड मरीज को लेकर एक एम्बुलेंस अचानक आपातकाल कैजुअल्टी इमरजेंसी गेट पर आ खड़ी हुई। वहां तुरंत दो पीपीई किट पहने कर्मचारियों ने मरीज को एम्बुलेंस से बाहर निकाला।

उसे इमरजेंसी वार्ड में ले जाकर बीपी, ऑक्सीजन लेवल, फेफड़ों में संक्रमण का स्तर, पल्स, शुगर और अन्य जांच कर फ्लू क्लिनिक भेजा गया। जहां कोविड-19 लैब के एक काउन्टर में मरीज का विवरण लिया गया। उसका सैम्पल लेकर कोविड जांच के लिए भेजा गया।

डॉक्टरों ने की मरीज की काउंसलिंग
प्राथमिक जांच के बाद मरीज को काउंसलिंग रूम में ले जाया गया। वहां चिकित्सक ने मरीज और उनके परिजनों से आवश्यक पूछताछ की।

उनसे पूछा गया कि मरीज का वैक्सीनेशन हुआ या नहीं, हाल ही में कोई यात्रा की गई या नहीं, उन्हें होम आइसोलेशन की जरूरत है या नहीं। इसी दौरान एक दूसरा मरीज आया, जिसकी उसी तरह से जांच की गई।

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