मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के साहित्य मनीषी, कुशल अध्यापक और सम्पादक श्री पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी की जयंती पर उन्हें नमन किया है।
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि मास्टरजी के नाम से जाने वाले बक्शी जी ने हिन्दी साहित्य की कई विधाओं को अपनाया और साहित्य जगत में अपना अलग स्थान बनाया।
सरस्वती जैसी प्रसिद्ध साहित्यिक पत्रिका का भी उन्होंने संपादन किया। पाश्चात्य निबन्ध शैली, समालोचना और ललित निबन्धों की सुन्दर परम्परा के लिए वे विशेष रूप से जाने जाते हैं।
छत्तीसगढ़ की माटी की सौंधी खुशबु उनके निराले कथा-शिल्प में हमेशा मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बक्शी जी अपनी रचनाओं के रूप में विचार मूल्यों की अमूल्य थाती सौंप गए हैं।
कामना है उनके साहित्य परम्परा की अविरल धारा हमेशा छत्तीसगढ़ साहित्य को पोषित करती रहे।