किन-किन दलों के नेता करेंगे बेंगलुरु में महाबैठक, रात्रिभोज से ममता-पवार क्यों दूर; विपक्षी एका की ये मीटिंग खास क्यों?…

केंद्र की सत्ता से सत्तारूढ़ बीजेपी को बेदखल करने और 2024 के आम चुनावों में उसे बड़ी शकस्त देने के लिए कांग्रेस समेत करीब दो दर्जन विपक्षी दलों ने एकसाथ चलने का फैसला किया है।

इसी के मद्देनजर कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में विपक्षी दलों का दो दिवसीय महाजुटान हो रहा है।

आज (सोमवार-17 जुलाई) बेंगलुरु में विपक्षी नेताओं के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया गया है, जबकि अगले दिन यानी 18 जुलाई (मंगलवार) को सभी नेता आगामी रणनीति पर चर्चा करेंगे।

इस महाबैठक में करीब दो दर्जन दलों के नेता शामिल होंगे। पिछले महीने जून में पटना में हुई बैठक में कोई नीति नहीं बन सकी थी।

ऐसे में माना जा रहा है कि 2024 के आम चुनावों के लिए ये दल कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की ड्रॉफ्टिंग और गठबंधन के लिए जरूरी कम्यूनिकेशन पॉइंट्स तैयार करने के लिए एक सबकमेटी स्थापित कर सकते हैं।

ये बैठक क्यों है खास?
विपक्षी दलों के इस महाजुटान को इसलिए भी खास माना जा रहा है क्योंकि पहली बार यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी इस तरह की कवायद में खुद को शामिल कर रही हैं और उसे लीड करने की कोशिश के तौर पर आगे बढ़ी हैं।

उनके नेतृत्व करने से सहयोगी दलों के भीतर चल रहे मनमुटाव या शंकाओं का समाधान हो सकता है। 

दूसरी बात, शरद पवार और ममता बनर्जी समेत जो नेता राहुल गांधी के नेतृत्व को स्वीकार करने में असहजता महसूस कर रहे हैं, वह खुलकर सोनिया के साथ कदमताल कर सकते हैं। विपक्षी दलों के कई नेताओं के साथ सोनिया गांधी के आत्मीय संबंध रहे हैं। इनमें शरद पवार, ममता बनर्जी, लालू यादव, फारुक अब्दुल्ला भी शामिल रहे हैं।

बैठक की टाइमलाइन है अहम:
यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब संसद का मानसून सत्र होने जा रहा है। इस बैठक से पहले अध्यादेश के मुद्दे पर आप का साथ देने के लिए कांग्रेस के नजरिए में आए बदलाव और महाराष्ट्र में एनसीपी के विभाजन ने विपक्षी दलों को बीजेपी के खिलाफ एक सूत्र में पिरोने के लिए मजबूर किया है। माना जा रहा है कि संसद के मानसून सत्र में विपक्षी एकता की मिसाल देखने को मिल सकती है। 

इसके अलावा आगामी लोकसभा चुनाव होने में अब आठ महीने ही शेष रह गए हैं। ऐसे में विपक्षी दल बेंगलुरु में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के एजेंडे पर ड्राफ्ट बनाने के लिए आगे बढ़ सकते हैं। इससे इतर एक सीट, एक कैंडिडेट के मुद्दे पर भी सभी दल मंथन कर सकते हैं।

रात्रिभोज से दूर क्यों ममता-पवार?
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज (17 जुलाई) को आयोजित रात्रिभोज में शामिल नहीं होंगी। उनकी जगह उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी डिनर में शामिल होंगे।  हालांकि, उस वक्त वह  बेंगलुरु में ही रहेंगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,हाल ही में हुई घुटने की माइक्रोसर्जरी के बाद डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। ममता बनर्जी भतीजे के साथ 18 जुलाई को होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगी।

उधर, शरद पवार भी रात्रिभोज में शामिल नहीं होंगे लेकिन उनकी बेटी सुप्रिया सुले वहां होंगी। पवार सोमवार को मुंबई में अपने विधायकों से मिलने वाले हैं।

किन-किन दलों के नेता हो रहे शामिल:
दो दिवसीय महाजुटान में कांग्रेस से सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल शामिल हो रहे हैं, जबकि तृणमूल कांग्रेस की तरफ से खुद पार्टी चीफ  ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी शामिल होंगे। एनसीपी से पार्टी अध्यक्ष शरद पवार, जितेंद्र आह्वाड़ और सुप्रिया सुले इस महाबैठक में शामिल होंगे।

महाबैठक में जदयू से नीतीश कुमार, ललन सिंह, संजय झा; आरजेडी से पार्टी चीफ लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, मनोज झा, संजय यादव; समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव, राम गोपाल यादव, जावेद अली खान, लाल जी वर्मा, राम अचल राजभर, आशीष यादव; शिवसेना (UBT) से उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, संजय राउत और आरएलडी से जयंत चौधरी शामिल होंगे।

इनके अलावा आम आदमी पार्टी से अरविंद केजरीवाल, सीपीआई से डी राजा,सीपीआईएम से सीताराम येचुरी, सीपीआई (ML) से दीपांकर भट्टाचार्य, डीएमके से एमके स्टालिन और टी.आर बालू, झारखंड मुक्ति मोर्चा से हेमंत सोरेन, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस से उमर अब्दुल्ला, पीडीपी से महबूबा मुफ्ती, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग से केएम कादर मोहिदीन और पीके कुणाली कुट्टी,केरल कांग्रेस (M) से जोश के मणि, एमडीएमके से थिरु वाइको, जी रेणुगादेवी, वीसीके से थिरु थिरुमावालवन और रवि कुमार, आरएसपी से एनके प्रेमचंद्रन, केरला कांग्रेस से पीजे जोसेफ, फ्रांसेस जॉर्ज के, केएमडीके से थिरु ई.आर ईस्वरम, एकेपी चिनराज और एआईएफबी से जी देवराजन बैठक में शामिल होने वाले हैं।

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