अनाज समझौते में फिर से शामिल नहीं होगा रूस, पुतिन ने ठुकराई UN चीफ की अपील; खतरा बढ़ा…

रूस ने एक बार फिर से स्पष्ट कर दिया है कि वह अनाज समझौते में वापस नहीं लौटेगा।

रूस ने कहा है कि वह काला सागर में अपने बंदरगाहों के जरिए यूक्रेनी अनाज को ले जाने की अनुमति देने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समझौते का विस्तार नहीं करेगा।

यही नहीं, पुतिन ने संयुक्त राष्ट्र (UN) महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की अपील को भी ठुकरा दिया है। गुटेरेस ने पुतिन से आह्वान किया था कि रूसी हितों को लेकर समझौता होने तक वह काला सागर अनाज समझौते में फिर से शामिल हो जाएं। 

इसलिए बेहद अहम है अनाज समझौता

काला सागर अनाज समझौता पिछले सोमवार शाम को समाप्त हो गया। कहा जाता है कि यही वह समझौता था जिसने यूक्रेन युद्ध के बावजूद वैश्विक खाद्य कीमतों में बढ़ोत्तरी नहीं होने दी।

पिछले साल यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के मद्देनजर दुनिया भर में खाद्य कीमतों पर अंकुश लगाने में मदद करने का काला सागर अनाज समझौते को दिया गया है।

रूस और यूक्रेन, दोनों देश दुनिया के दो सबसे बड़े कृषि उत्पादक हैं।  रूस और यूक्रेन दुनियाभर में गेहूं, जौ, सूरजमुखी का तेल और अन्य किफायती खाद्य पदार्थों की आपूर्ति करने वाले प्रमुख देशों में शुमार हैं। विकासशील देश इन खाद्यान्नों के लिए इन देशों पर निर्भर हैं।

रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने मंगलवार को कहा कि रूस के लिए काला सागर अनाज निर्यात सौदे में तब तक लौटना असंभव है जब तक कि रूसी हितों से संबंधित समझौते का सम्मान नहीं किया जाता है।

गुटेरेस ने सोमवार को रूस से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अपील करते हुए प्रस्ताव दिया था कि वे यूक्रेन को अपने बंदरगाहों से अनाज को सुरक्षित रूप से निर्यात करने की अनुमति दें।  

हमारी शिकायत का समाधान नहीं- रूस

हालांकि, रूस ने कहा कि गुटेरेस का प्रस्ताव उसकी मुख्य शिकायत का समाधान नहीं करता है। रूस ने कहा कि युद्ध के जवाब में लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों के बीच रूसी खाद्य और उर्वरक निर्यात को सुविधाजनक बनाने के लिए डिजाइन किए गए संबंधित समझौते पर कोई प्रगति नहीं हुई है।

रूस ने शिकायत की है कि नौपरिवहन और बीमा पर प्रतिबंध के कारण उसके खाद्यान्न व उर्वरक के निर्यात में बाधा उत्पन्न हुई है।

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा, “असल में, गुटेरेस ने जो पत्र लिखा है उसमें फिर से कहा गया है कि कुछ प्रकार की कार्य योजना बनाई जाएगी। इसमें वादे शामिल हैं कि किसी मोड़ पर इन व्यवस्थाओं के रूसी हिस्से को लागू करना संभव होगा।”

रूस ने कहा, “दुर्भाग्य से, इस समय समझौते पर वापस लौटना असंभव है क्योंकि इसे (रूस-संबंधित समझौता) लागू नहीं किया जा रहा है, और वास्तव में इसे कभी भी लागू नहीं किया गया है।”

पेसकोव ने कहा कि पुतिन ने हालांकि स्पष्ट कर दिया है कि रूस से संबंधित ज्ञापन पूरा होने पर मास्को अनाज समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए तैयार होगा।

पिछले जुलाई में संयुक्त राष्ट्र और तुर्की की मध्यस्थता से हुए इस समझौते का उद्देश्य यूक्रेन में युद्ध के कारण अवरुद्ध अनाज को सुरक्षित रूप से निर्यात करने की अनुमति देकर वैश्विक खाद्य संकट को रोकने में मदद करना था।

इससे पहले रूस ने युद्ध के दौरान यूक्रेन को अफ्रीका, मध्यपूर्व और एशिया तक अनाज भेजने की अनुमति देने संबंधी अभूतपूर्व सौदे पर सोमवार को रोक लगा दी थी।

रूस के राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान सौदे पर रोक लगाने की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि रूस की मांग पूरी होने के बाद ही वह इस सौदे पर से रोक हटाएगा। पेस्कोव ने कहा, “जब रूस से संबंधित कालासागर समझौते को लागू किया जाएगा, तब रूस तत्काल इस सौदे पर से रोक हटा लेगा।”

खतरा और बढ़ा

ब्रिटेन के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत, बारबरा वुडवर्ड ने कहा कि ब्रिटेन के पास ऐसी जानकारी है जो संकेत देती है कि “रूसी सेना काला सागर में नागरिक जहाजों पर हमला कर सकती है।

रूस पहले से ही काला सागर में यूक्रेनी अनाज फैसिलिटी को टारगेट कर रहा है।” वुडवर्ड ने कहा कि प्रधानमंत्री सुनक ने एक फोन कॉल के दौरान जेलेंस्की के साथ यह जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा, “हमारी जानकारी यह भी बताती है कि रूस ने यूक्रेनी बंदरगाहों के रास्ते में अतिरिक्त समुद्री माइन्स बिछाई हैं।”

वुडवर्ड ने संवाददाताओं से कहा कि हम अमेरिकी आकलन से सहमत हैं कि यह काला सागर में नागरिक जहाजों के खिलाफ किसी भी हमले के लिए यूक्रेन को सही ठहराने और दोष देने का एक समन्वित प्रयास है।

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