फैसला: मणिपुर में महिलाओं से अभद्रता की जांच सीबीआई करेगी…

संसद से सड़क तक जारी विपक्ष के प्रतिरोध के बावजूद केन्द्र सरकार को भरोसा है कि मणिपुर के नस्लीय संघर्ष पर शीघ्र काबू पा लिया जाएगा।

हालात से जुड़े जानकार के मुताबिक हिंसा के छह मामलों को सीबीआई के हवाले किया गया है, ताकि न केवल निष्पक्ष जांच हो सके, बल्कि गुनाहगारों को उनके किए की सजा मिल सके।

सीबीआई महिलाओं से हुई अभद्रता की जांच भी करेगी। आला दर्जे के सूत्र ने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि हिंसा के मामलों की सुनवाई असम में करने के लिए केंद्र शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से गुज़ारिश करेगा।

गृहमंत्रालय से जुड़े आला सूत्र ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि मंत्रालय द्वारा गठित कार्यबल संघर्षरत दोनों समुदायों से 6-6 दौर की बातचीत कर चुके हैं।

ऐसी कोशिश है कि लंबे समय से चले आ रहे अनसुलझे मुद्दों को कुछ देर के लिए भुलाकर सबसे पहले शांति बहाली पर सहमति बन जाए। इसके शुरुआती संकेत आशाजनक हैं।    

असंतोष भड़काने में घुसपैठियों का हाथ  
सूत्र का दावा है कि असंतोष भड़काने में म्यांमार से आने वाले घुसपैठियों और ड्रग तस्करों की भूमिका है। इसे रोकने के लिए सीमा पार से आने वाले हर व्यक्ति के अंगूठे और आंखों का बायोमेट्रिक टेस्ट किया जा रहा है।

इसे दिसंबर तक हर हाल में आधार कार्ड की निगेटिव सूची में डाल दिया जाएगा, ताकि ऐसे लोग खुद को कभी भारतीय नागरिक साबित न कर सकें।

यही नहीं सीमा पर बाड़ लगाने का सर्वे तेज कर दिया गया है ताकि घुसपैठ को नियंत्रित किया जा सके।  

मणिपुर में इस समय जमीनी हालात क्या हैं? इस सवाल के जवाब में उच्च पदस्थ सूत्र ने कहा कि आप इसी से  हालात का अनुमान लगा सकते हैं कि 18 जुलाई के बाद से हत्या की कोई वारदात नहीं हुई है।

कुछ छिटपुट घटनाएं जरूर जारी हैं पर हमें उम्मीद है कि शांति बहाली प्रक्रिया बहुत जल्दी रंग लाएगी। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि लोगों में भरोसा लौटने लगा है।

72 फीसदी राज्यकर्मी काम पर लौट आए हैं और स्कूलों में 82 प्रतिशत तक विद्यार्थी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।  

हालात को सुधारने के लिए कई स्तर पर कोशिशें हुईं। सबसे पहले पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। प्रदेश में कोई आवश्यक वस्तुओं अथवा मेडिकल सुविधाओं से वंचित न रह जाए, इसके लिए युद्ध स्तर पर काम किए गए। आज वहां वस्तुओं के दाम दिल्ली के बराबर हैं। जमाखोरी अथवा मुनाफाखोरी की कोई भी शिकायत हमें नहीं मिल रही है।  

लोग आवश्यक कामकाज के लिए आसपास की यात्रा कर सकें, इसके लिए महज 2000 रुपये में हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराई गई है।

अमन के खिलाफ काम करने वालों के विरुद्ध न केवल कड़ी कार्रवाई की गई है, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया है कि किसी को बख्शा न जाए।

इसके लिए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी कुलदीप सिंह के नेतृत्व में एकीकृत कमान का गठन किया गया है जिस पर निरंतर गृहमंत्री की नजर रहती है।

प्रधानमंत्री पल-पल की अपडेट ले रहे  
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस मुद्दे पर लगातार गृहमंत्री के संपर्क में हैं। सूत्र के अनुसार बी जब विदेश में थे तब भी लगातार अपडेट लेते रहते थे।

ज़रूरत महसूस करने पर मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री या आला अधिकारियों को सीधे निर्देश भी दिये।

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