मणिपुर: पहली बार किसी गृहमंत्री ने खुद तीन दिन प्रवास कर अमन की पहल की…

गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मसले की पहली बैठक हिंसा भड़कने के तीन घंटे के भीतर ही शुरू कर दी थी।

उन्होंने न केवल मुख्यमंत्री,वरिष्ठ अधिकारियों, जांच एजेंसियों और सुरक्षा बलों के आला अधिकारियों को एकसाथ सक्रिय किया, बल्कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी कुलदीप सिंह के नेतृत्व में एकीकृत कमान का गठन किया।

उच्च पदस्थ सूत्र के अनुसार ऐसे समय में जब सरकार और  सरकारी कर्मियों पर तमाम आरोप लग रहे थे, तब इस फैसले ने लोगों का भरोसा जीतने और कानून-व्यवस्था की बहाली में काफी मदद की।

सूत्र ने आगे बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है जब हिंसाग्रस्त मणिपुर में कोई गृहमंत्री खुद लगातार तीन दिन रहकर लोगों का विश्वास जीतने का प्रयास करे।

उनके डेप्युटी गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने भी वहां एकमुश्त 22 दिन कैम्प किया। यह अभूतपूर्व है।

वर्ष 1993 में भड़की हिंसा में 70 लोग मारे गए थे और साढ़े तीन सौ गांव आग के हवाले कर दिये थे। तत्कालीन गृहराज्य मंत्री उन दिनों राजेश पायलट सिर्फ़ तीन-से चार घंटे के लिए वहां गए थे।  

सूत्र के अनुसार अमित शाह सक्रियता का परिणाम था कि 30 घंटे से भी कम समय में 36 हजार सुरक्षा कर्मियों को वायुसेना, बीएसएफ के जहाजों और हेलीकाप्टरों के जरिए मणिपुर के उपद्रवग्रस्त इलाकों में तैनात किया गया।

नतीजन, गत 18 जुलाई से अब तक किसी की जान नहीं गई है ।छिटपुट हिंसा जारी है, पर शुरुआती दौर में स्थिति कितनी विकराल थी इसका अंदाजा इस आँकड़े से लगाया जा सकता है कि तीन से छह मई के बीच 59 और 24 से 31 मई के बीच 28 लोग मार डाले गए थे।

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