मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने किया मतदाता महोत्सव प्रदर्शनी, चिन्हारी लोकतंत्र के, का शुभारंभ…

प्रदेश के विभिन्न जिलों में चलाए जा रहे मतदाता जागरूकता के अभियानों को किया गया है प्रदर्शित
आदिवासी बोली प्रदर्शनी के स्टॉल में गोंडी, सदरी, बिरहोर, बैगा, कमारी जैसी बोलियों में चुनावी नारों का सचित्र प्रदर्शन
बस्तर जिले के दूरस्थ ओरछा में 1967 में हुए निर्वाचन की एक तस्वीर और स्थानीय हल्बी बोली में मतदाता गीत भी प्रदर्शित

भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने आज निर्वाचन आयोग के आयुक्त अनूप चन्द्र पांडेय और अरुण गोयल के साथ राजधानी रायपुर स्थित बूढ़ापारा तालाब परिसर में ‘मतदाता महोत्सव प्रदर्शनी, चिन्हारी लोकतंत्र के‘ का फीता काटकर शुभारंभ किया।

उन्होंने प्रदर्शनी में लगे विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया। प्रदेश के अलग-अलग जिलों, विशेषकर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों से जुड़े जिलों द्वारा यहां स्टॉल लगाया गया है, इन स्टॉलों में अब तक के वर्षों में हुए वोटिंग की झलकियां तस्वीरों के माध्यम से और विभिन्न जिलों में मतदाता जागरूकता के लिए चलाए गए अभियानों को भी दर्शाया गया है। 

प्रदर्शनी में बिलासपुर, रायपुर, बस्तर, सुकमा, जांजगीर-चांपा, बलरामपुर, कबीरधाम, सारंगढ़, बालोद जैसे जिलों द्वारा स्टाल लगाया गया है। रायपुर, बिलासपुर, कबीरधाम, सारंगढ़ और बालोद द्वारा लगाए गए स्टाल में मतदाता जागरूकता अभियान को फ़ोटो प्रदर्शनी के साथ प्रदर्शित किया गया है।

बिलासपुर ने शत-प्रतिशत मतदान, बिलासपुर का अभियान, लोकतंत्र का आधार कोई वोट न जाए बेकार जैसे नारो को सचित्र प्रदर्शित किया है।

इसी तरह सारंगढ़ जिले के स्टाल में ‘मोर भइया वोट देवइया‘ के स्लोगन वाली राखी लोगों को लुभा रही है, जबकि बालोद ने भी ‘ए दारी मनाबो रक्षा संग मतदान के बंधन‘, के साथ जिले में चलाए जा रहे चुनाव अभियानों को प्रदर्शित किया है। 

यहां लगे फोटो प्रदर्शनी के स्टॉल में छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के दूरस्थ क्षेत्र विकासखंड ओरछा में 1967 में हुए निर्वाचन की एक तस्वीर लगाई गई है, जिसमें एक वयोवृद्ध महिला अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए मत पर्ची मतदान पेटी पर डालती नजर आ रही है।

वहीं आदिवासी बोली प्रदर्शनी के स्टॉल में गोंडी, सदरी, बिरहोर, बैगा, कमारी जैसी बोलियों में चुनाव के नारों का सचित्र प्रदर्शन है, यहां स्थानीय हल्बी बोली में मतदाता गीत भी प्रदर्शित है।

प्रदर्शनी में लगे विभिन्न स्टॉलों में अलग-अलग जिलों में चलाए गए चुनाव अभियान को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है। इसी तरह नवविवाहित वधु सम्मान समारोह के वृहद आयोजन पर केंद्रित स्टॉल भी प्रदर्शनी में लगाया गया है, इस अभियान में मतदाता सूची के द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम 2023 के अंतर्गत जिला जांजगीर-चांपा में एक ही दिन जिले की सभी बाल विकास परियोजना की 1281 आंगनबाड़ी में 1771 में नवविवाहित वधुओं का सम्मान किया गया।

जिला बलरामपुर द्वारा लगाए गए स्टाल में यहां चलाए गए चुनाव अभियान ‘मतवीर‘ और ‘संकल्प वृक्ष‘ को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है जिसका उद्देश्य युवाओं, महिलाओं, दिव्यांगों, वरिष्ठजनों आदि सभी वर्ग के मतदाताओं की मतदान रुचि को बढ़ाना और उन्हें मतदान का महत्व समझाना था। 
रायगढ़ जिले द्वारा लगाए गए स्टॉल में सतरंगी रायगढ़, विरासत से विकास पर केंद्रित है, जिसमें यहां के चुनाव अभियान विरासत का संकल्प, बढ़ते हाथ शपथ के साथ, वृद्ध जनों का सम्मान, शुभ कदम स्वागतम, कर्तव्य पर बढ़ते चले जैसे कार्यक्रमों के जरिए मतदाता जागरूकता के कार्यों को प्रदर्शित किया है।

इसमें बिरहोर जनजाति से लेकर रायगढ़ के इंडस्ट्रीज तक की झलकियां हैं। सुकमा जिले द्वारा लगाए गए स्टाल में मतदाता जागरूकता अभियान स्वीप के अंतर्गत चुनाव अभियानों की प्रदर्शनी लगाई गई है।

जिनमें अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदाता जागरूकता अभियान वोट पंडूम नेवता, मतदाता शपथ कार्यक्रम, मतदाता जागरूकता एवं ईवीएम रथ प्रदर्शन, वाद-विवाद, चित्रकला एवं नारा लेखन प्रतियोगिता, मानव श्रृंखला, नवविवाहित सम्मान कार्यक्रम,  मतदाता जागरूकता रैली, रंगोली चित्रकला को प्रदर्शित किया गया है। 

मतदाता महोत्सव प्रदर्शनी, चिन्हारी लोकतंत्र के शुभारंभ के अवसर पर भारत निर्वाचन आयोग के उप निर्वाचन आयुक्त हृदेश कुमार, वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त धर्मेन्द्र शर्मा और नितेश व्यास, उप निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार साहू और आर.के. गुप्ता, उप निर्वाचन आयुक्त अजय भादू, महानिदेशक बी नारायणन, निदेशक यशवेंद्र सिंह, निदेशक (आई टी) अशोक कुमार, वरिष्ठ प्रधान सचिव एन.एन. बुटोलिया, प्रधान सचिव एस.बी. जोशी, संयुक्त निदेशक अनुज चांडक और अवर सचिव रितेश सिंह ने उपस्थित रहे।

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