पाकिस्तान में ईंधन की नई कीमतों से हाहाकार, नए PM ने 15 दिन में दिया डबल झटका; बढ़ा दिए 38 रुपये/लीटर दाम…

पड़ोसी देश पाकिस्तान में कार्यवाहक प्रधान मंत्री अनवारुल हक काकर की सरकार ने गुरुवार को पेट्रोल और हाई-स्पीड डीजल (HSD) की कीमतों में एक झटके में बड़ी बढ़ोत्तरी कर दी है।

इससे ईंधन की कीमतें 300 रुपये प्रति लीटर के मनोवैज्ञानिक स्तर को भी पार कर गई। पेट्रोल और हाई स्पीड डीजल के दाम में क्रमशः 14.91 रुपये और 18.44 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। 

पाकिस्तान के मशहूर अखबार ‘डॉन’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब ईंधन 300 रूपये प्रति लीटर की कीमत पर मिल रही हैं।

नई कीमतें गुरुवार की रात से ही लागू हो गई हैं। अब वहां पेट्रोल 305.36 रुपये प्रति लीटर जबकि हाई स्पीड डीजल 311.84 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है।

ईंधन की कीमतें बढ़ने से पहले से ही आसमान छूती महंगाई की मार झेल रहे पाकिस्तानियों में हाहाकार मच गया है।

इसके अलावा, एक प्रमुख नीतिगत निर्णय में पाक सरकार ने पेट्रोल पर पेट्रोलियम लेवी को 5 रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर 55 रुपये से अधिकतम स्वीकार्य सीमा 60 रुपये प्रति लीटर कर दिया है।

पाकिस्तानी रुपये के गिरते दाम और वैश्विक तेल की बढ़ती कीमतों के कारण ईंधन दरों में बढ़ोतरी पेट्रोल और एचएसडी की कीमतों में 17.50 रुपये और 20 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि के ठीक एक पखवाड़े बाद हुई है।

इस तरह केवल 15 दिनों के अंदर पेट्रोल पर कुल 31.41 और हाई स्पीड डीजल की कीमतों में कुल 38.44 प्रति लीटर की वृद्दि की गई है।

बता दें कि पाकिस्तान दशकों में सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। हाल के आर्थिक सुधारों के कारण वहां मुद्रास्फीति का ऐतिहासिक स्तर और उच्च ब्याज दरें और बढ़ी हैं, जिससे आम लोगों और व्यवसायों पर दबाव पड़ा है।

इसके अलावा पाकिस्तानी रुपये के लगातार अवमूल्यन ने पाक केंद्रीय बैंक को ब्याज दरें बढ़ाने के लिए मजबूर कर दिया है।

देश की मुद्रा मंगलवार को 304.4 के पिछले बंद स्तर की तुलना में 305.6 प्रति अमेरिकी डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर कारोबार कर रही थी।

पाकिस्तान में पिछले महीने अंतरिम प्रधान मंत्री अनवार-उल-हक काकर के नेतृत्व में एक कार्यवाहक कैबिनेट की शपथ ली थी, जिसके कंधों पर नए चुनाव होने तक देश को चलाने का जिम्मा है।

हालिया मीडिया रिपोर्ट में पाकिस्तान में चुनावी तारीखों के टलने की बात कही जा रही है, जो पहले अक्टूबर-नवंबर में होने वाले थे।

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