जी20 में इकोनॉमिक कॉरिडोर के ऐलान से बढ़ा पाक का दर्द, बदलाव की हुई मांग; लोग बोले- अब आ रही शर्म…

जी20 सम्मेलन के दौरान भारत-पश्विम एशिया और यूरोप के बीच कॉरिडोर बनाए जाने के लिए समझौता हो चुका है।

इस समझौते ने पाकिस्तान में हलचल में मचा दी है। इसके बारे में जानकारी होते ही पाकिस्तान के लोग अपनी सरकार को जमकर कोस रहे हैं।

इतना ही नहीं, पाकिस्तानी इस पर शर्मिंदा तक महसूस कर रहे हैं। पाकिस्तानी नागरिक इसे आखिरी वेक-अप कॉल बता रहे हैं और देश की सरकार में बदलाव की मांग कर रहे हैं। बता दें कि इस आर्थिक गलियारे के बनने के बाद चीन के बेल्ट एंड रोड (बीआरआई) का महत्व कम हो जाने वाला है।

‘इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर’ में भारत, यूएई, सऊदी अरब, यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका शामिल हैं।

सोशल मीडिया पर नाराजगी
भारत की राजधानी में दुनिया भर के नेताओं की मौजूदगी के बाद भारत-पश्विम एशिया और यूरोप के बीच कॉरिडोर के ऐलान ने पाकिस्तानियों को चिंता में डाल दिया है।

उन्हें लगता है कि ऐसा होने के बाद पाकिस्तान वैश्विक आर्थिक मोर्चे पर अलग-थलग पड़ जाएगा। एक पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि एक पाकिस्तानी होने के नाते मुझे काफी ज्यादा शर्म आ रही है।

उसने आगे लिखा कि हमारा देश बेहतर नेतृत्व, जिम्मेदारी और चमकदार भविष्य डिजर्व करता है। अब समय आ गया है कि बदलाव हो और ऐसे जिम्मेदार लोग सामने आएं जो हकीकत में हमारा प्रतिनिधित्व करते हों।

सऊदी अरब हैं काफी उम्मीदें
एक अन्य सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि वक्त आ चुका है कि हम अपने घर को व्यवस्थित करें और अपनी प्राथमिकताएं तय करें।

इच्छाधारी सोच और निम्न स्तर की राजनीति हमें कहीं नहीं ले जाएगी। उसने आगे लिखा कि अपनी क्षमताओं पर काम करने की जरूरत है और उस दिशा में जाना चाहिए जिसकी हमारे देश को जरूरत है।

बता दें कि यह घोषणा ऐसे वक्त पर हुई है जब पाकिस्तान सऊदी अरब से अपने देश में 25 बिलियन डॉलर के निवेश की उम्मीद कर रहा था।

पाकिस्तान के केयरटेकर प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकड़ ने सोमवार को कहा था कि सऊदी अरब माइनिंग, कृषि और आईटी सेक्टर में निवेश करेगा। पाकिस्तान को उम्मीद है कि कर्ज से घिरी उसकी अर्थव्यवस्था को इससे काफी मदद मिलेगी।

चीन के बीआरआई पर चोट
इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तौर पर रेल और शिपिंग कॉरिडोर होंगे। इसके जरिए एशिया से यूरोप तक व्यापार किया जाएगा।

इस कॉरिडोर’ के जरिए भारत में बनाए गए सामान को समुद्र के रास्ते पहले संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पहुंचाया जाएगा। इसके बाद यूएई से सऊदी अरब, जॉर्डन होते हुए यह रेलमार्ग से इजरायल के हाइफा बंदरगाह तक पहुंचेगा।

इसके बाद समुद्री मार्ग के जरिए भारतीय सामान को हाइफा से यूरोप ले जाया जाएगा। इस पूरे रास्ते में रेलमार्ग और समुद्री जलमार्ग की भूमिका काफी अहम होगी। वहीं, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2013 में बीआरआई को दुनिया के सामने पेश किया था।

बीआरआई के जरिए चीन ने मध्य एशिया से होते हुए मिडिल ईस्ट और फिर यूरोप तक पहुंचना चाहता है। इतना ही नहीं, जलमार्गों के जरिए दक्षिण-पूर्व एशिया से मिडिल ईस्ट और फिर वहां से अफ्रीका तक अपना सामान पहुंचाना चाहता है।

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