इजरायल और हमास यु्द्ध के चलते यूरोप में बढ़ रहे तनाव के बीच यमन के हूती विद्रोहियों ने अमेरिकी सेना के ड्रोन एमक्यू-9 को मार गिराया है। अमेरिकी अधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि कर दी है।
कहा कि ड्रोन को यमन के तट पर गिराया गया है। हालांकि यह उस पार कैसे पहुंचा? इसका खुलासा नहीं किया है।
उधर, हूती विद्रोहियों का आरोप है कि अमेरिका गाजा की जंग में इजरायल को मदद पहुंचाने के लिए ड्रोन की मदद से जासूसी कर रहा था।
एजेंसी एएफपी के मुताबिक, के एक वरिष्ठ अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने बुधवार को कहा, अमेरिकी एमक्यू-9 रीपर ड्रोन को मार गिराया है। उधर, हूतियों ने आरोप लगाया है कि अमेरिकी ड्रोन एमक्यू-9 हमास के खिलाफ युद्ध में इजरायल के लिए जासूसी कर रहा था।
गौरतलब है कि हूती विद्रोहियों ने 2014 में यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था और देश के बड़े हिस्से पर उनका नियंत्रण है। उन्होंने दावा किया है कि बुधवार दिन के वक्त उन्होंने यमन के तटीय इलाके में अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया।
बता दें कि इजरायल-हमास युद्ध के दौरान क्षेत्रीय तनाव बढ़ने की आशंका के बीच अमेरिका ईरान का समर्थन करने वाले समूहों की गतिविधियों को लेकर सतर्क है।
हूती विद्रोहियों को ईरान समर्थति ग्रुप माना जाता है। अमेरिकी अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर पुष्टि की कि ड्रोन को यमन के तट पर गिराया गया है। हालांकि यह नहीं बताया कि इसे अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में क्यों ले जाया गया था।
पहले भी अमेरिकी ड्रोन उड़ा चुका हूती
2019 में भी यमन के हूती विद्रोहियों ने दो अलग-अलग मौकों पर अमेरिकी ड्रोन गिराए गए थे। पिछले महीने, अमेरिकी नौसेना के एक युद्धपोत ने यमन से इज़रायल की ओर जा रहे हूती द्वारा लॉन्च की गई चार क्रूज़ मिसाइलों और एक दर्जन से अधिक ड्रोन को रोक दिया था।