पुतिन का सपना पूरा! रूस ने बना लिया महाव‍िनाशक हथियार, बढ़ेगी अमेरिका की बेचैनी…

यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच रूस ने एक बड़ा संकेत दिया है।

डेढ़ साल से भी ज्यादा समय से युद्ध में लगे रूस ने हाल ही में अपने महाव‍िनाशक हथियार का खुलासा किया है। यह ‘उल्‍कापिंड’ जैसा हथियार एक हाइपरसोनिक मिसाइल है जिसका दुनिया में कोई तोड़ नहीं है।

रूसी रक्षा मंत्रालय के टीवी चैनल पर दिखाई गई खबर के मुताबिक, रूस की रॉकेट फोर्स ने परमाणु-सक्षम एवनगार्ड हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन से लैस एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल को दक्षिणी रूस में एक लॉन्च साइलो में लोड किया है। यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। मात्र 30 मिनट के अंदर धरती के किसी भी हिस्‍से में प्रलय ला सकती है।

पुतिन का सपना पूरा!

दरअसल राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2018 में एवनगार्ड हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल की घोषणा की थी। अब ये पूरी तरह से काम कर रही है।

इसका वजन लगभग 2 हजार किलोग्राम है। अगर तापमान 20 डिग्री सेल्सियस है और हवा में नमी नहीं है, तो यह एवनगार्ड मिसाइल करीब 10 किलोमीटर की दूरी एक सेकेंड में पार कर सकती है। पुतिन ने साल 2018 में कहा था कि यह मिसाइल अजेय है।

इसे दुनिया का कोई एंटी-मिसाइल सिस्टम मार नहीं सकता। पुतिन ने साफ कहा था कि ये मिसाइल अमेरिका द्वारा नई पीढ़ी के हथियारों बनाने के जवाब में बनाई गई है। यानी अमेरिका सहित नाटो देशों के लिए पुतिन का महाव‍िनाशक हथियार बेचैनी पैदा कर सकता है।

क्योंकि यह दुनिया में अपनी तरह का एकमात्र हथियार है। पुतिन ने पश्चिमी देशों को चेतावनी दी है कि उनके पास इसको रोकने का कोई भी साधन नहीं है।

 34,000 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार

अब एवनगार्ड हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल में लैस करने के लिए एक और भी घातक मिसाइल तैयार कर ली गई है। मिसाइल की कई खूबियां हैं। जैसे ही यह अपने लक्ष्य के करीब पहुंचती है, वैसे ही एवनगार्ड हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल रॉकेट से अलग हो जाता है और साउंड की स्पीड से 27 गुना अधिक (लगभग 34,000 किलोमीटर प्रति घंटा) की हाइपरसोनिक स्पीड पर हमला कर सकती है।

रूसी रक्षा मंत्रालय के स्वामित्व वाले ज्वेज्दा टेलीविजन चैनल ने गुरुवार को इस बैलिस्टिक मिसाइल को लॉन्च साइलो में ले जाते हुए दिखाया। इसे कजाकिस्तान के पास ऑरेनबर्ग क्षेत्र में एक शाफ्ट में उतारा गया है।

इस मिसाइल को एवनगार्ड हाइपरसोनिक ग्‍लाइड वीइकल में लगाने का वीडियो सामने आया है। इस मिसाइल को रूस ओरेनबर्ग इलाके में 31मिसाइल आर्मी के भूमिगत साइलों के अंदर बने लॉन्‍च केंद्र में तैनात किया गया है।

रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा है कि इस अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल को एक साइलो लॉन्‍चर की मदद से रखा गया है। इसको स्‍पेशल ट्रांसपोर्ट लोडिंग यूनिट लेकर गई है। यह पिछले कई घंटे में सबसे जटिल तकनीकी अभियान था।

रूस ने 2019 में उसी ऑरेनबर्ग फैसिलिटी में अपनी पहली एवांगार्ड-सुसज्जित मिसाइल स्थापित की थी। अब तक दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु शक्तियां रूस और अमेरिका, दोनों ने हथियार-नियंत्रण संधियों के लगातार उल्लंघन पर खेद व्यक्त किया है।

इस संधि का उद्देश्य शीत युद्ध की हथियारों की दौड़ को धीमा करना और परमाणु युद्ध के जोखिम को कम करना था। लेकिन वे भी चीन की तरह हाइपरसोनिक सहित कई नई हथियार प्रणालियों का विकास कर रहे हैं।

अमेरिका चीन को अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी और रूस को अपने सबसे बड़े खतरे के रूप में पेश करता है।  

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