सभी 7000 फिलिस्तीनी रिहा करो और अपने लोग ले जाओ; हमास ने रखी नई शर्त, 2011 में भी यही था पैंतरा…

इजरायल और हमास के बीच गाजा में थमे कत्लेआम का आज सातवां दिन है।

इससे पहले बुधवार देर रात को हमास ने गाजा में कैद 16 और बंधकों को रिहा कर दिया। सीजफायर के तहत दोनों तरफ से कैदियों को रिहा किया जा रहा है।

संघर्ष विराम की अवधि बढ़ाने के लिए चल रही बातचीत के बीच हमास के एक नेता ने इजरायल को बड़ा ऑफर दिया है। कहा है कि अगर इजरायल इस्लामिक आंदोलन में बंद सभी 7000 फिलिस्तीनियों को रिहा कर दे तो वे सभी बंदियों समेत इजरायली सैनिकों को भी छोड़ने के लिए तैयार हैं।

हमास का इजरायली सैनिकों के बदले फिलिस्तीनियों की रिहाई की मांग पहली बार नहीं है। 2011 में भी हमास ने यही पैंतरा अपनाकर 1100 कैदियों को मुक्त कराया था। एक दावे के अनुसार, इस वक्त भी इजरायली जेलों में 7000 से अधिक फिलिस्तीनी बंद हैं, जिनमें अधिकतर हमास के मेंबर हैं।

यह बयान दिया है हमास के अधिकारी और गाजा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बासेम नईम ने। उन्होंने बुधवार देर रात एक बयान में कहा कि हमास शत्रुता को समाप्त करने के लिए इजरायल से बातचीत कर रहा है। नईम ने दक्षिण अफ्रीका की यात्रा के दौरान केप टाउन में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम अपने सभी कैदियों के बदले में उनके सभी सैनिकों को रिहा करने के लिए तैयार हैं।”

गौरतलब है कि गाजा पर सत्ता करने वाले हमास आतंकी समूह ने 7 अक्टूबर को एक अभूतपूर्व हमले में दक्षिणी इजराइल से लगभग 240 लोगों को बंदी बना लिया था।

इजरायली अधिकारियों के मुताबिक, हमास के हमले में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश नागरिक थे। जवाब में, इजरायल ने हमास को खत्म करने की कसम खाई है और गाजा पट्टी में हवाई और जमीनी अभियान शुरू किया है, जिसके बारे में हमास सरकार का कहना है कि इसमें लगभग 15,000 लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर नागरिक हैं।

सीजफायर में अब तक कितने रिहा
कतर की मध्यस्थता के बाद इजरायल और हमास के बीच छह दिनी सीजफायर में अभी तक 60 इजरायली बंधकों और 180 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया जा चुका है।

दोनों खेमों के बीच सीजफायर 30 नवंबर की सुबह समाप्त हो रहा है। कतर दोनों के बीच सीजफायर बढ़ाने को लेकर काम कर रहा है।

अभी भी इजरायल के 90 से ज्यादा बंधक हमास के कब्जे में हैं, जबकि हमास का आरोप है कि सैंकड़ों फिलिस्तीनियों को इजरायल ने इस्लामिक आंदोलन के आरोपों में जेल में बंद करके रखा है। 

2011 में भी हमास ने रखी थी वही शर्त
हमास का सैनिकों के बदले इस्लामिक आंदोलन करने वाले लोगों की रिहाई की मांग पहली बार नहीं है। इससे पहले भी हमास इस तरह की मांग इजरायल से पूरी करवा चुका है।

2011 में, हमास ने 1,000 से अधिक फ़िलिस्तीनियों की अदला-बदली इजरायली सैनिक गिलाद शालिट के बदले की थी। उसे हमास ने बंदी बनाकर अपने पास रखा था। हमास का कहना है कि अभी भी इजरायली जेलों में 7,000 से अधिक फिलिस्तीनी कैद हैं, उनमें से कई अब तक मुक्त किए गए युवाओं और महिलाओं की तुलना में कहीं अधिक प्रमुख हैं। हमास ने अक्टूबर में ही इजरायल से सभी फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने की मांग की थी। 

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