अपने ही लोगों की हत्या के बाद नरम पड़ा इजरायल? बंधकों की रिहाई के लिए बढ़ाए बातचीत के कदम…

गाजा में जारी खून खराबा एक बार फिर से रुक सकता है।

इसको लेकर इजरायल और कतर बातचीत के लिए फिर से तैयार हो गए हैं। दरअसल फिलिस्तीन के गाजा पट्टी पर नियंत्रण रखने वाले संगठन हमास की ओर से कतर इजरायल के साथ बातचीत कर रहा है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार इजरायली और कतरी अधिकारी नॉर्वे में मिलने वाले हैं।

इस मुलाकात का लक्ष्य युद्धविराम के बदले गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई और इजरायली जेलों से फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बारे में बातचीत को दोबारा शुरू करना है।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ओस्लो (नॉर्वे) में इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के निदेशक डेविड बार्निया से मिलने वाले हैं।

सूत्रों ने इस बातचीत को एक बड़ी पहल बताया है। गाजा में युद्धविराम को लेकर बातचीत की खबरें ऐसे समय में आई हैं जब इजरायली सेना ने ‘गलती से हमास आतंकवादी समझकर’ अपने ही तीन लोगों को मार दिया था। ये तीनों हमास द्वारा बंधक बनाए गए इजरायली नागरिक थे।  

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मोसाद प्रमुख डेविड बार्निया के मिस्र के अधिकारियों से भी मिलने की संभावना है। इसने कहा कि कुछ महत्वपूर्ण बाधाओं के बाद हमास के भीतर संभावित शर्तों पर असहमति सहित एक नए बंधक सौदे पर बातचीत फिर से शुरू होने में दिक्कतें हुई हैं।

नवंबर के अंत में एक सप्ताह के संघर्ष विराम के दौरान, हमास ने 240 महिलाओं और किशोरों की रिहाई के बदले गाजा में पकड़े गए 100 से अधिक महिलाओं, बच्चों और विदेशियों को रिहा कर दिया था।

तीन बंधकों की गलती से हत्या के कारण समझौते पर उतरा इजरायल?

इजरायली सेना ने कहा कि गाजा शहर में ऑपरेशन के दौरान योतम हैम, एलोन शमरिज और समेर अल-तलाल्का को गलती से गोली मार दी गई थी। ये तीनों इजरायली नागरिक थे, जिन्हें हमास ने 7 अक्टूबर से बंधक बनाकर रथा था।

इसे इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने “असहनीय त्रासदी” बताया। इस घटना के बाद तेल अवीव में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। ये तीनों इजराइल में हमास के 7 अक्टूबर के हमलों के दौरान बंधक बनाए गए लगभग 250 लोगों में से थे।

हमास के हमले में लगभग 1,140 इजरायली लोग मारे गए थे। गाजा में इजराइल के जवाबी हमलों में कम से कम 18,800 लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।

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