विदेशों में आतंक फैलाने वालों पर NIA का ऐक्शन, 43 संदिग्धों की हुई पहचान; टूटेगी खालिस्तान की कमर…

संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और कनाडा में स्थित भारतीय दूतावासों पर हाल के हमलों में शामिल संदिग्धों को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बड़ी कार्रवाई की है।

एनआई ने 43 संदिग्धों की पहचान की, जो अलग-अलग देशों के भारतीय दूतावासों पर हुए हमले में शामिल हैं।

खालिस्तान का झंडा लिए कई संदिग्धों ने इस दौरान दूतावासों को नुकसान पहुंचाया। इंडिया टुडे की रिपोर्ट की मानें तो एनआईए ने इन संदिग्धों की पहचान के लिए क्राउडसोर्सिंग एंगल का इस्तेमाल किया है। 

बता दें गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एनआईए ने इस साल जून में अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में भारतीय राजनयिक मिशनों पर हमलों के मामले को अपने हाथ में ले लिया था।

मारे गए 50 छापे
रिपोर्ट की मानें तो अब तक भारत में 50 छापे मारे गए हैं और हमलों के संबंध में लगभग 80 व्यक्तियों से पूछताछ की गई है। इस साल मार्च और जुलाई में भारतीय राजनयिक मिशनों को निशाना बनाया गया था।

खालिस्तानी तत्वों ने 19 मार्च को एक विरोध प्रदर्शन के दौरान लंदन में भारतीय दूतावास पर दो अलग-अलग हमले किए। इसी तरह के हमले 2 जुलाई को सैन फ्रांसिस्को में भी हुए थे।

दोनों घटनाओं की जांच एनआईए द्वारा आपराधिक अतिचार, बर्बरता, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, दूतावास के कर्मचारियों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करने और हिंसा भड़काने सहित आरोपों के साथ की जा रही है।

इसके अतिरिक्त, इन हिंसक कृत्यों में शामिल हमलावरों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए एनआईए की टीम ने अगस्त 2023 में सैन फ्रांसिस्को का दौरा किया।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कनाडा और सैन फ्रांसिस्को में मार्च 2023 में हुए हमलों के संबंध में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत भी एफआईआर दर्ज की थी।

कनाडा में फेंका गया था ग्रेनेड
वहीं कनाडा में भारतीय उच्चायोग पर विरोध प्रदर्शन के दौरान एक ग्रेनेड भी फेंका गया था, जिसके बाद गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक अधिनियम के प्रावधान लागू किए गए थे।

इस साल जून में, एनआईए ने लंदन में भारतीय मिशन पर हमले के कई सीसीटीवी फुटेज भी जारी किए और दोषियों की पहचान करने में जनता से मदद मांगी।

कथित खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने 19 मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग में तोड़फोड़ करने की कोशिश की और उच्चायोग परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय ध्वज को उतार दिया। हालांकि, अधिकारियों ने दावा किया कि प्रयास को विफल कर दिया गया।

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