भाजपा से बौद्धों को जोड़ेगा यह नेता, मुस्लिमों के लिए भी प्लान; दिल्ली में पीएम मोदी करेंगे बड़ी मीटिंग…

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भाजपा लोकसभा चुनाव के अभियान में जुटने वाली है। पीएम नरेंद्र मोदी पहले ही अनौपचारिक तौर पर एक तरह से चुनावी दौरे शुरू कर चुके हैं।

केरल, तमिलनाडु और लक्षद्वीप जैसे देश के दक्षिणी हिस्सों में वह जा चुके हैं। इसके अलावा गुजरात और महाराष्ट्र भी वह पहुंच हैं।

अगले कुछ दिनों में वह यूपी समेत कई उत्तर भारत के राज्यों का भी दौरा करेंगे। यही नहीं दिल्ली में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद की बड़ी मीटिंग भी हो सकती है। इस मीटिंग में खुद पीएम नरेंद्र मोदी रहेंगे और संबोधित करेंगे।

यह एक तरह से चुनाव की तैयारियों के लिए औपचारिक ऐलान होगा।

इस मीटिंग में पीएम नरेंद्र मोदी इलेक्शन कैंपेन की टोन तय कर सकते हैं। पिछले दिनों उन्होंने स्नेह यात्राओं का प्रस्ताव रखा था और अब चुनाव से पहले एक बार फिर से अल्पसंख्यकों को लुभाने की कोशिश हो सकती है।

भाजपा की ओर से ‘मोदी मित्र’ करीब 250 लोकसभा सीटों पर उतारे जा सकते हैं। यही नहीं बौद्ध मत के लोगों को भी लुभाने का प्रयास होगा।

इसके लिए पार्टी के नेता दुष्यंत गौतम को जिम्मेदारी दी जा सकती है। वहीं मुस्लिमों के बीच ‘मोदी मित्र’ अल्पसंख्यक मोर्चे के बैनर तले जाएंगे। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी कई बार दोहरा चुके हैं कि हमें अल्पसंख्यकों का भी भरोसा जीतना है। 

पीएम मोदी कई बार भाजपा सांसदों से भी कह चुके हैं कि वे तीन तलाक के मामले को जनता तक ले जाएं। इसके अलावा अल्पसंख्यकों को केंद्र सरकार की योजनाओं से क्या फायदे मिल रहे हैं, इसके बारे में भी जनता को बताने को कहा है।

भाजपा फिलहाल ‘टीम 2024’ के गठन में भी जुटी है। इसमें संगठन में काम करने वाले लोग बड़ी संख्या में शामिल किए जाएंगे।

खासतौर पर 8 लोगों की टीम आम चुनाव से जुड़ी जिम्मेदारियां संभालेगी। इनमें केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, अश्विनी चौबे और असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा शामिल रहेंगे।

टीम 2024 में होंगे ये 8 नेता, किस को क्या मिलेगा काम

यही नहीं भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष, महासचिव विनोद तावड़े, सुनील बंसल और तरुण चुग भी टीम का हिस्सा होंगे।

इसके अलावा भाजपा का विजन डॉक्युमेंट तैयार करने का जिम्मा राधा मोहन अग्रवाल को सौंपा गया है। वहीं बौद्ध पंथ के लोगों को जोड़ने की जिम्मेदारी दुष्यंत गौतम को सौंपी गई है।

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