ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद अब दोबारा चांद की यात्रा तैयारी कर रहा है। खबर है कि भारतीय स्पेस एजेंसी ने चांद पर जाने के लिए जापान की JAXA या जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के साथ साझेदारी की है। दोनों मिलकर लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन मिशन (LUPEX) पर काम कर रहे हैं, जिसे चंद्रयान-4 भी कहा जा रहा है। क्या है LUPEX का मकसद?जापानी स्पेस एजेंसी के मुताबिक, JAXA भारत के साथ मिलकर काम कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके…
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chandrayaan-3 को चांद पर उतारकर नहीं रुका इसरो, दो महीनों में क्या-क्या किया? झलकियां…
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 23 अगस्त की शाम को चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम को उतारकर इतिहास रच दिया था। ऐसा कारनामा करके भारत चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला दुनिया का चौथा देश और दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। तब से दो महीनों में, इसरो व्यस्त रहा है। चंद्रमा पर भले ही विक्रम और प्रज्ञान रोवर चिर निद्रा में हों लेकिन, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी विश्राम मोड में जाने के मूड में नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि चंद्रमा की सतह…
आगे पढ़ें...Chandrayaan-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर पर बड़ा खतरा मंडराया! चांद पर हो रही घुसपैठ…
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन चंद्रयान-3, फिलहाल चंद्रमा पर निष्क्रिय अवस्था में है। मिशन, जो 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरा और रोवर तैनात करने के साथ-साथ कई प्रयोग किए, को हमेशा के लिए स्लीप मोड में डाल दिया गया है। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा है कि विक्रम लैंडर अपना काम बहुत अच्छे से करने के बाद चंद्रमा पर खुशी से सो रहा है। लेकिन, इस वक्त विक्रम और रोवर पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इसके पीछे का कारण चांद पर हो रही…
आगे पढ़ें...इसरो ने अंतरिक्ष में फिर रचा इतिहास, गगनयान मिशन का क्रू मॉडल किया लॉन्च…
भारतयी अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) ने गगनयान मिशन के क्रू मॉडल को सफलतापूर्वक लॉन्च कर लिया है। अंतरिक्ष एजेंसी को दूसरे प्रयास में सफलता मिली है। आज सुबह करीब 8:30 बजे इसकी कोशिश की गई तो तकनीकी करणों से इसा टालना पड़ गया। हालांकि, 10 बजे के करीब फिर प्रयास किया गया। और इसबार इसरो को सफलता मिली। गगनयान के पहले टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन -1 (टीवी-डी1) को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया। दूसरे परीक्षण से पहले इसरो ने बताया कि महत्वाकांक्षी गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम से…
आगे पढ़ें...प्रज्ञान रोवर एक्टिव हुए तो ISRO को क्या फायदा? Chandrayaan-3 पर सोमनाथ के ताजा अपडेट्स के मायने…
भारत के चंद्रयान-3 मिशन में शामिल प्रज्ञान रोवर के फिर से एक्टिव होने की संभावना अभी भी बाकी है। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने हाल के बयान में इसका खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि इसके नींद से जगने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर यह फिर से एक्टिव हुआ भी तो इसरो को इससे कितना फायदा होगा। इसरो चीफ ने साफ किया है कि इस मिशन ने अपना उद्देश्य पूरा कर लिया है। अगर यह जगता है…
आगे पढ़ें...3.6 अरब किलोमीटर की यात्रा कर नासा का यान जानेगा पृथ्वी के राज, दिलचस्प है साइकी मिशन…
साइकी अब तक खोजा गया 16वां ‘क्षुद्रग्रह’ है। क्षुद्रग्रह सौर मंडल का हिस्सा हैं। ये न तो पूर्ण ग्रह हैं और न ही कभी-कभार आने वाले धूमकेतु हैं। कई अध्ययनों और रिसर्च के बाद आज हम जानते हैं कि मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच क्षुद्रग्रह की पट्टी में लाखों अंतरिक्ष चट्टानें हैं, जिनका आकार बौने ग्रह सेरेस से लेकर छोटे कंकड़ और धूल के कणों जैसा है। इन सबके बीच साइकी आज भी खास है। लगभग 226 किलोमीटर के औसत व्यास के साथ, यह सबसे बड़ा ”एम-प्रकार” का…
आगे पढ़ें...ISRO ने फिर दी उम्मीद, लेकिन नहीं जागे तो चांद पर क्या होगा प्रज्ञान और विक्रम का हाल…
ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने गुरुवार को बड़ी उम्मीद दी है। चीफ एस सोमनाथ ने रोवर प्रज्ञान के जागने की संभावनाओं से पूरी तरह इनकार नहीं किया है। सितंबर के पहले सप्ताह से ही प्रज्ञान और लैंडर विक्रम स्लीप मोड में हैं। 23 अगस्त को चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रचा था। क्या बोले सोमनाथएक कार्यक्रम के दौरान गुरुवार को सोमनाथ ने रोवर पर चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘अभी वो वहां शांति से सो रहा है…। उसे शांति से सोने देते हैं…।…
आगे पढ़ें...Chandrayaan 3 को लेकर क्या चाहते थे अमेरिकी एक्सपर्ट्स? ISRO चीफ सोमनाथ ने किया बड़ा खुलासा…
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस.सोमनाथ ने रविवार को कहा कि अमेरिका में जटिल रॉकेट मिशन में शामिल विशेषज्ञों ने जब चंद्रयान-3 अंतरिक्षयान को विकसित करने की गतिविधियों को देखा तो वे चाहते थे कि भारत उनसे अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी साझा करें। उन्होंने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि वक्त बदल गया है और भारत बेहतरीन उपकरण और रॉकेट बनाने में सक्षम है, यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोला है। सोमनाथ रविवार को दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे.अब्दुल…
आगे पढ़ें...सूर्य के बाद अब मंगल और शुक्र मिशन में व्यस्त ISRO, सोमनाथ ने बताया अगला मेगाप्लान…
चांद तक हुई चंद्रयान-3 और सूर्य की ओर जारी आदित्य एल-1 के बाद भारतीय स्पेस एजेंसी की नजरें नई संभावनाओं पर हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने रविवार को कहा कि अपने पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के अलावा इसरो मंगल, शुक्र और चंद्रमा सहित कई अन्वेषण अभियान को अंजाम देने को तैयार है। अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख ने पत्रकारों से कहा कि इसरो ने पृथ्वी की जलवायु और मौसम की स्थिति का अध्ययन करने के लिए अभियान शुरू करने की योजना भी तैयार…
आगे पढ़ें...ADITYA-L1 को लेकर आई बड़ी खुशखबरी, इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बताई डेस्टिनेशन तारीख…
भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस सोमनाथ ने रविवार को भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य-एल1 (ADITYA-L1) को लेकर बड़ी खुशखबरी दी है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यान जनवरी के मध्य तक अपने डेस्टिनेशन पॉइंट लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) पर पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया कि यह यान बहुत अच्छी तरह से काम कर रहा है। इसरो चीफ ने यह भी बताया कि गगनयान की पहली टेस्टिंग उड़ान 21 अक्टूबर को होगी। डी1 के बाद इसरो जनवरी तक तीन से चार और लॉन्चिंग करेगा। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ…
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