इसरो ने देश के तीसरे मून मिशन चंद्रयान-3 में तब बड़ी सफलता हासिल की, जब चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उसकी सफलतापूर्वक लैंडिंग करवाई। ऐसा करके इसरो ने कमाल कर दिया। इसके बाद 14 दिनों तक चांद पर चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने कई महत्वपूर्ण डेटा इकट्ठे किए। इन डेटा के नतीजों से दुनियाभर के वैज्ञानिक आश्चर्यचकित रह गए हैं। अमेरिकी रिसर्च प्रोफेसर जेफरी गिलिस दाविस ने एक आर्टिकल में चंद्रयान-3 से जुड़ीं तमाम उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बात की है। स्पेस डॉट कॉम पर लिखे…
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गगनयान पहली उड़ान के लिए तैयार, परीक्षण पर सरकार ने दे दिया बड़ा अपडेट…
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 21 अक्टूबर को गगनयान मिशन से पहले पहली परीक्षण उड़ान आयोजित करेगा। अगले साल के अंत में मानव अंतरिक्ष उड़ान के दौरान भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को रखने वाले क्रू मॉड्यूल का परीक्षण करने को परीक्षण वाहन विकास उड़ान (टीवी-डी-1) आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में आयोजित की जाएगी। परीक्षण में मॉड्यूल को बाहरी अंतरिक्ष में लॉन्च करना, इसे पृथ्वी पर वापस लाना और बंगाल की खाड़ी में उतरने के बाद…
आगे पढ़ें...अंतरिक्ष में होगी भारत की धमक, बनाएगा अपना स्पेस स्टेशन; ISRO चीफ सोमनाथ का बड़ा खुलासा…
चंद्रयान-3 मिशन के साथ चंद्रमा पर छाप छोड़ने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अब अपना पहला अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की तैयारी कर रहा है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी पहले से ही अपने मंगल और शुक्र मिशन पर काम कर रही है। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने अंतरिक्ष स्टेशन के लिए इसरो की इस बड़ी योजना का खुलासा किया है। सीजीटीएन को दिए एक इंटरव्यू में इसरो अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी अंतरिक्ष स्टेशन के प्रक्षेपण और लंबे समय के लिए मानव अंतरिक्ष उड़ान जैसे मिशनों के…
आगे पढ़ें...एक्टिव होंगे प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर या धरती पर लौट आएंगे? चंद्रयान-3 का चांद पर क्या है हाल…
भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जाने वाला पहला मिशन है। इस मिशन में शामिल विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के दोबारा नहीं जागने के कारण लोगों के मन में कई तरह के सवाल गूंज रहे हैं। आपको बता दें कि चंद्रयान-3 को एक चंद्र दिवस यानी कि पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर जीवित रहने के लिए डिजाइन किया गया था। यह 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरा था। चंद्रमा पर चंद्रयान-3 का क्या हुआ?30 सितंबर को चंद्रमा की सतह से सूर्य का…
आगे पढ़ें...Chandrayaan-3 को नहीं मिली ‘दूसरी इनिंग’, फिर भी अमर हो गए विक्रम और प्रज्ञान रोवर; जानें कैसे…
भारत का चंद्रमिशन (Chandrayaan-3 mission) ऐतिहासिक रहा है, इसमें कोई संदेह नहीं। 14 जुलाई को चांद की ओर निकला चंद्रयान-3, 42 दिनों की यात्रा पूरी करने के बाद दक्षिणी ध्रुव पर उतरा। इसे पूरी दुनिया ने देखा और भारत की अंतरिक्ष ताकत को महसूस किया। जब चंद्रयान-3 ने लैंडिंग की तब शुरुआती 14 दिनों तक विक्रम और प्रज्ञान रोवर ने कई ऐतिहासिक कारनामे किए। चांद पर ऐसी-ऐसी चीजों की खोज की जो दुनिया के लिए उस वक्त तक अनजान थी। 14 दिन विक्रम और प्रज्ञान रोवर ने धमाल तो मचाया…
आगे पढ़ें...सूर्य के अध्ययन पर निकला आदित्य एल-1 पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से निकला बाहर, इस दिन रचेगा इतिहास…
सूर्य के अध्ययन पर निकला भारत का पहला अंतरिक्ष आधारित मिशन आदित्य एल-1, पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित एल-1 बिंदु की परिक्रमा करेगा। यान ने अबतक पृथ्वी से 9.2 लाख किलोमीटर की दूरी तय कर ली है। यान अब पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकल गया है। यानि यान ने एल-1 बिंदु में पहुंचने के लिए आधे से अधिक दूरी तय कर ली है। यह जानकारी हल्द्वानी निवासी इसरो के आदित्य एल-1 साइंस वर्किंग ग्रुप के सदस्य डॉ. भुवन जोशी ने ‘हिन्दुस्तान’ से साझा की है। उन्होंने बताया…
आगे पढ़ें...ISRO ने चुन लिए गगनयान के यात्री, वायुसेना के ये तीन जवान बनेंगे एस्ट्रोनॉट्स…
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अब गगनयान की तैयारी कर रहा है। कहा जा रहा है कि ISRO ने इसके लिए अंतरिक्ष यात्री (एस्ट्रोनॉट्स) भी चुन लिए हैं। हालांकि, अब तक स्पेस एजेंसी ने इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन भारतीय वायुसेना के एक वीडियो से इस बात के संकेत मिल रहे हैं। 91वीं वर्षगांठ पर IAF की तरफ से माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ‘X’ (पहले ट्विटर) पर एक वीडियो साझा किया गया था। 11 मिनट लंबे इस वीडियो में वायुसेना…
आगे पढ़ें...‘भट्टी’ ले जाते साथ तो जाग जाते विक्रम और रोवर! NASA और रूस भी कर चुके इस्तेमाल…
भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो का बनाया चंद्रयान-3 इस वक्त चांद के दक्षिणि ध्रुव पर मजबूती से खड़ा है। लैंडिंग के शुरुआती 14 दिन तो यान के विक्रम लैंडर और रोवर पूरी ताकत के साथ चांद पर खोजबीन में जुटे रहे लेकिन, रात के बाद अब जब सवेरा हो चुका है, विक्रम और रोवर निष्क्रिय पड़े हैं। हालांकि इसरो के वैज्ञानिकों का दावा है कि उनकी कोशिश आगामी 6 अक्टूबर तक जारी रहेगी। आशंका है कि रोवर के उपकरण रात की -200 डिग्री वाली ठंड में काम करना बंद कर चुके हैं।…
आगे पढ़ें...भारी बारिश में GPS ने नदी को बता दिया सड़क और कार संग डूब गए दो डॉक्टर, मौत…
भारी बारिश हो रही थी और सड़क पर लबालब भरा पानी। सही रास्ते के लिए दो डॉक्टरों ने मोबाइल पर नेविगेशन लगाया और निकल पड़े। जल्द ही वे सड़क किनारे पानी से भरे हुए उस हिस्से में आ गए, जहां से आगे उनकी गाड़ी नहीं जा पा रही थी। उन्हें महसूस हुआ कि कार नदी पर खड़ी है। पलभर में वे कार समेत नदी में समाने लगे। कुछ ही देर में चिल्लाहट थम गई और वे डूब चुके थे। गनीमत रही कि कार में सवार तीन अन्य लोग खुद को…
आगे पढ़ें...NASA के रोवर ने मंगल ग्रह पर दिखाया ‘शैतानी’ बवंडर, कैमरे में कैद वीडियो…
मंगल ग्रह पर जीवन की खोज कर रहे नासा के रोवर ने कैमरे पर अनोखी घटना कैद की है। नासा के Perseverance रोवर ने इस घटना को सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है। रोवर ने मंगल ग्रह पर एक विशाल बवंडर की घटना कैमरे पर कैद की है। नासा ने इस बवंडर को शैतानी तूफान नाम दिया है। नासा ने इस बवंडर के बारे में जानकारी भी शेयर की है। नासा के Perseverance रोवर के मुताबिक, लगभग 1.2 मील (2 किलोमीटर) की ऊंचाई तक पहुंचते हुए, इस घूमते हुए…
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