इजरायल पर हमास ने आखिर क्यों किया हमला? मोसाद की मुस्तैदी पर उठे सवाल; 5 बड़ी बातें…

आतंवादी हमास ने इजरायल पर हवाई, जमीन और समुद्र से हमला कर दिया। देश के दक्षिण में रहने वाले लाखों लोग रॉकेटों की तेज आवाज और गड़गड़ाहट से जाग गए।

हवाई हमले के सायरन उत्तर की ओर तेल अवीव तक गूंज रहे थे। हमास के लड़ाकों ने इजरायल की अत्यधिक मजबूत अलगाव बाड़ के कुछ हिस्सों को उड़ा दिया।

गाजा सीमा होते हुए इजरायल के रिहाइसी इलाकों में घुस गए। लोगों को डराया और इजरायली सैनिकों पर गोलीबारी की।

इसके बाद इजराइल ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें गाजा पट्टी में कम से कम 200 लोग मारे गए। गाजा और इजरायल युद्ध ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या इजराइल को समय से पहले हमले का पता चल गया था?
शनिवार का दिन यहूदी कैलेंडर के सबसे खुशी के दिनों में से एक था। सिमचट तोराह पर शनिवार की सुबह इजरायलियों को हमास ने झटका दिया।

इजरायलियों ने मान लिया था कि उनकी खुफिया एजेंसी सेना को किसी भी बड़े हमले या आक्रमण के बारे में पहले से ही सचेत करने में सक्षम है।

लेकिन इस हमले ने सोच बदलने पर मजबूर कर दिया है। इसके साथ ही यह भी सवाल उठ रहा है कि आतंकवादी आखिर इतना बड़ा हमला करने में कैसे सक्षम हुए।

सरकार के समर्थकों को उम्मीद है कि नेतन्याहू और राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-गविर फिलिस्तीनियों के खिलाफ जुझारू रुख अपनाएंगे और गाजा में आतंकवादियों की धमकियों का अधिक मजबूती से जवाब देंगे।

वैसे इजरायल के राजनीतिक विश्लेषकों ने विफलता पर नेतन्याहू की आलोचना की है। इसके साथ ही नेतन्याहू को अपनी सरकार और देश दोनों पर नियंत्रण खोने का खतरा है।

हमास हमले को अंजाम देने में कैसे सक्षम हुआ?
हमास ने दावा किया कि उसके लड़ाकों ने एन्क्लेव में कई इजरायलियों को बंदी बना लिया है। आतंकवादियों के खून से लथपथ सैनिकों को जमीन पर घसीटते हुए और शवों के ऊपर खड़े होने के भयानक वीडियो जारी किए गए हैं।

उनमें से कुछ ने अपने अंडरवियर उतार दिए। इसमें कहा गया कि बंदियों में वरिष्ठ इजरायली सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं। वीडियो की तुरंत पुष्टि नहीं की जा सकी है, लेकिन वे क्षेत्र की भौगोलिक विशेषताओं से मेल खाते हैं। हमास के दर्जनों लड़ाकों ने हजारों रॉकेटों दागे। हवा, जमीन और समुद्र तीनों ही माध्यमों से हमला किया। 

इजरायली सेना ने कहा है कि हमास ने इजराइल में पैराग्लाइडर भी भेजे। इस निर्लज्ज हमले ने 1980 के दशक के उत्तरार्ध के एक प्रसिद्ध हमले की याद दिला दी, जब फिलिस्तीनी आतंकवादी हैंग-ग्लाइडर पर लेबनान से उत्तरी इजराइल में घुस गए थे और छह इजरायली सैनिकों को मार डाला था।

हमास ने आखिर हमला क्यों किया?
इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच लंबे समय से तनाव जारी है। संवेदनशील अल-अक्सा मस्जिद परिसर के आसपास भी विवाद है। यह मस्जिद मुसलमानों और यहूदियों दोनों के लिए पवित्र है।

यह इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष के भावनात्मक केंद्र में बना हुआ है। यहूदियों द्वारा टेम्पल माउंट के नाम से जानी जाने वाली इस जगह पर दावे पहले भी हिंसा में बदल चुके हैं। 2021 में इजरायल और हमास के बीच 11 दिनों का खूनी युद्ध हुआ था।

हाल के कुछ वर्षों में इजरायल के धार्मिक और राष्ट्रवादी नेताओं ने मस्जिद परिसर का दौरा किया था।

पिछले हफ्ते सुक्कोट के यहूदी फसल उत्सव के दौरान सैकड़ों यहूदियों और इजरायली कार्यकर्ताओं ने मस्जिद का दौरा किया था। हमास ने इसकी निंदा की थी। उसने आरोप लगाया कि यहूदी समझौते का उल्लंघन कर रहे हैं।

हमला तब होता है जब इजरायली समाज विभाजित हो जाता है?
इजरायल पर यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब वहां का समाज विभाजित दिख रहा है। प्रधानमंत्री नेतन्याहू का सुप्रीम कोर्ट को कमजोर करने के प्रस्ताव पर विरोध हो रहा है।

उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मुकदमे भी चल रहे हैं। नेतन्याहू पर सत्ता हथियाने का आरोप लगाया गया है। इस घटना ने इजरायली समाज को बुरी तरह से विभाजित कर दिया है। इजरायली सेना के भीतर उथल-पुथल मचा दी है। इजरायल में सेने के भीतर भी विरोध है। 

संघर्ष-विराम या समाधान की आशा की जा सकती है?
2007 में इस्लामिक आतंकवादी समूह द्वारा फिलिस्तीनी प्राधिकरण गाजा पर कब्जा करने के बाद से इजरायल और हमास ने चार युद्ध लड़े हैं।

संघर्ष विराम ने पिछले दौर के संघर्षों में बड़ी लड़ाई को रोक दिया है, लेकिन हमेशा अस्थिर साबित हुआ है। इतिहास में प्रत्येक समझौते ने शांति की पेशकश की है, लेकिन संघर्ष के मुद्दों को वहां छोड़ दिया जाता है। इसके कारण भविष्य में भी हवाई हमले देखने के मिलते हैं।

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