केंद्र सरकार रखेगी सख्त निगरानी धान खरीदी से मिलिंग तक।

रायपुर 6 नवंबर 2024 / इस वर्ष छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की प्रक्रिया 14 नवंबर से शुरू होने जा रही है, इस बार केंद्र सरकार ने पहली बार खरीदी से लेकर मिलिंग तक सख्त निगरानी का आदेश जारी किया है। सरकार का साफ निर्देश है कि अगर धान में 17% से ज्यादा नमी पाई जाती है, तो वह धान रिजेक्ट कर दिया जाएगा।

  • नमी सीमा : अधिकतम 17% नमी से अधिक धान को रिजेक्ट किया जाएगा।
  • केंद्र की सख्त निगरानी : केंद्र सरकार खरीदी से मिलिंग तक सख्त निगरानी रखेगी।
  • दोष सिद्ध मिलरों पर पाबंदी : दोष सिद्ध मिलरों का पंजीकरण नहीं होगा।
  • भौतिक सत्यापन : खरीदी केंद्र, संवाहण केंद्र, और राइस मिलों का संयुक्त सत्यापन किया जाएगा।
  • अरली वेरायटी की कटाई : अरली वेरायटी की लगभग 40% फसल कटाई पूरी हो चुकी है।

मॉनिटरिंग का कारण समर्थन मूल्य : धान का समर्थन मूल्य केंद्र सरकार द्वारा घोषित किया जाता है, इसलिए खरीदी की निगरानी केंद्र द्वारा की जाएगी।

गड़बड़ियों पर रोकथाम : पिछले कुछ वर्षों में मानिटरिंग की कमी से कई गड़बड़ियों की शिकायतें मिली हैं, जिन्हें रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।

परिवहन पर सख्त निगरानी

केंद्र सरकार ने इस साल धान की खरीदी के साथ-साथ उसके परिवहन पर भी सख्त निर्देश दिए हैं। सभी मिलर्स को परिवहन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों में लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। वाहनों का रियल टाइम ट्रैकिंग हर दिन की जाएगी ताकि धान का सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित किया जा सके।

मिलरों का पंजीकरण

केंद्र सरकार ने इस बार की धान खरीदी प्रक्रिया में दोष सिद्ध मिलरों पर पंजीकरण प्रतिबंध लगा दिया है। आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत पिछले तीन सालों में दोषी पाए गए मिलरों का पंजीकरण किसी भी हालत में नहीं होगा।

अरली वेरायटी धान की कटाई स्थिति

धान खरीदी के मद्देनजर अरली वेरायटी की फसलों की कटाई जोरों पर है। इस साल दुर्ग जिले में 132 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल ली गई है, जिसमें से 40% कटाई पूरी हो चुकी है।

अरली वेरायटी : 40% फसल की कटाई हो चुकी है।

आईआर-36, आईआर-64, 1010 : सरकारी बीज की ये किस्में तैयार हो चुकी हैं।

हरूमा : इस किस्म की फसल को किसान मुख्य रूप से चुन रहे हैं।

सत्यापन की प्रक्रिया

इस साल भौतिक सत्यापन के लिए खरीदी केंद्रों पर एफसीआई और राज्य अधिकारियों की संयुक्त टीम को अनिवार्य किया गया है। सत्यापन के लिए एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) और विडियोग्राफी का इस्तेमाल भी अनिवार्य किया गया है।

इन नियमों का परिणाम

इस साल की धान खरीदी प्रक्रिया में केंद्र सरकार के सख्त नियमों के चलते खरीदी और मिलिंग में हो रही गड़बड़ियों पर रोक लगेगी। किसानों को भी अपने धान की गुणवत्ता बनाए रखने की आवश्यकता है ताकि उन्हें समर्थन मूल्य का लाभ मिल सके।

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